वन विभाग द्वारा सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में निर्मित हाथी रेस्क्यू सेंटर में गजराज कॉलोनी बनाई गई है। इस गजराज कॉलोनी में अब तक 5 कुमकी हाथी सहित सोनू व सिविल बहादुर को अलग-अलग रखने की पूरी व्यवस्था की गई है।
सोनू व सिविल बहादुर से माहौल खुशनुमा
सोनू व सिविल बहादुर हाथी एक समय में आतंक के पर्याय बन चुके थे। बाद में उन्हें हाइकोर्ट के आदेश पर तमोर पिंगला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। इन दोनों के स्वच्छंद विचरण ने पूरे रेस्क्यू सेंटर का माहौल खुशनुमा बना दिया है। अब इनके साथ एक ही कॉलोनी में कुमकी हाथियों के रहने की वजह से वे भी सोनू व सिविल बहादुर के साथ घुल-मिल जा रहे हैं।
कुमकी को वातावरण में ढालने का प्रयास
कर्नाटक से कुमकी हाथियों को लाने के बाद उन्हें महासमुंद में रखा गया था, ताकि वे यहां के वातावरण में घुल मिल जाएं। फिर यहां से उन्हें तमोर पिंगला अभ्यारण्य में लाकर रखा गया है। अब उन्हें स्थानीय वातावरण में ढालने का प्रयास किया जा रहा है।
रोज देते हैं 10 किलो गुड़
तमोर पिंगला रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग द्वारा कुमकी के साथ सोनू व सिविल बहादुर को प्रतिदिन दस किलो गुड़ दिया जाता है। इससे उनका न केवल मूड ठीक रहता है, बल्कि हाथियों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
सामान्य बना रहता है हाथियों का व्यवहार
डॉक्टरों की सलाह पर व उनके व्यवहार के अनुसार गुड़ व खिचड़ी देना उचित है। इससे उनका व्यवहार सामान्य बना रहता है।
प्रभात दुबे, हाथी विशेषज्ञ
गुड़ से हाथी को मिलती है तत्काल ऊर्जा
गन्ना हाथी का प्रिय भोजन है। गुड़ से हाथी को तत्काल अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है। इससे उनका स्वाद भी बना रहता है।
डॉ. सीके मिश्रा, पशु चिकित्सक