अतिक्रमण हटाने पहुंचे पटवारी को ग्रामीणों ने बेदम पीटा, कपड़े भी फाड़े, तनाव के बीच पहुंचे एसडीएम-तहसीलदार
Patwari Beaten: गांव में काफी देर तक बनी रही तनाव (Tension) की स्थिति, प्रशासन द्वारा पुलिस बल को करना पड़ा तैनात, ग्रामीणों का कहना कि पटवारी (Patwari) ने जिस मकान को तोड़ा वह वैध है
अंबिकापुर. शहर से लगे ग्राम बढऩीझरिया में अतिक्रमण (Encroachment) हटाने पहुंचे राजस्व अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने मिलकर पटवारी की बेदम पिटाई (Patwari) भी कर दी है। घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। इसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम और तहसीलदार व सीएसपी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे।
स्थिति ऐसी निर्मित हो गई कि काफी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात करना पड़ा। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी द्वारा जो निर्माण को तोड़ा गया है वह वैध है और पंडो जनजाति का है।
पंडों जनजाति की जमीन पर अन्य जाति के लोग अवैध निर्माण कर बसे हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा बढऩीझरिया में स्थगन आदेश भी लागू कर दिया है। इसके बावजूद कई लोग अवैध निर्माण करा रहे हैं।
जिला प्रशासन को सूचना मिली कि लॉकडाउन (Lockdown) के बीच अंबिकापुर शहर से लगे ग्राम बढऩीझरिया में विवादित जमीन पर एक ग्रामीण द्वारा अवैध तरीके से भवन का निर्माण कराया जा रहा है। सूचना मिलने पर पटवारी देवसाय मिंज दल-बल के साथ अतिक्रमण हटाने मौके पर पहुंचे थे।
जैसे ही राजस्व अमले ने निर्माणाधीन मकान पर जेसीबी चलाई, वैसे ही मौके पर मौजूद ग्रामीण आग बबूला हो गए। इस दौरान पटवारी देवसाय मिंज अपने वाहन में बैठे हुए थे। तभी ग्रामीणों ने पटवारी को वाहन से बाहर निकालकर उसकी बेदम पिटाई कर दी। यही नहीं, पटवारी के कपड़े तक फाड़ दिए।
मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों एवं कर्मचारियों ने पटवारी की जान बचाई। इसके अलावा आक्रोशित ग्रामीणों ने जेसीबी में भी तोडफ़ोड़ की। इधर घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम और तहसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान गांव में काफी तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया था।
IMAGE CREDIT: Patwari beaten गांव में उत्पन्न हुए तनाव को देख प्रशासनिक अधिकारियों को अतिरिक्त पुलिस बल मंगाना पड़ा। यह विवाद घंटों चलता रहा। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ।
बिना नोटिस के ही मकान पर चला दी जेसीबी इधर ग्रामीणों का आरोप है कि नोटिस दिए बिना प्रशासन ने निर्माणाधीन मकान पर जेसीबी चला दी। मकान मालिक नकिरत राम का कहना है कि उक्त वन भूमि पर हम 1952 से बसे हैं।
हम पिछले 3 वर्ष से उसे धीरे-धीरे कर मकान तैयार करा रहे थे। एक मुश्त पैसा न होने के कारण मकान का निर्माण धीरे-धीरे कराया जा रहा था, स्थगन आदेश से पूर्व से काम बंद था। अचानक आज पटवारी दल-बल के साथ आए और पूरे मकान को तुड़वा दिया।
पंडो जनजाति की जमीन पर हैं कई अवैध निर्माण ग्राम बढऩीझरिया में पंडो जनजाति को वन भूमि पट्टा देकर बसाया गया है। पंडो जनजाति के लोगों को बहला-फुसला कर अन्य जाति के लोगों ने वहां जमीनों पर कब्जा कर लिया है। पत्रिका ने इस खबर को एक महीने पहले ही प्रकाशित किया था। मामला संज्ञान में आने पर कलक्टर (Surguja Collector) के आदेश पर बढऩीझरिया में स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है।
वहीं सर्वे का काम भी चल रहा है। गांव में कुछ परिवारों का कहना है कि वह पंडो समुदाय के लोगों से जमीन खरीद कर वर्षों से गांव में बसे हैं। वही पंडो समुदाय का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा (Encroachment) कर भवन का निर्माण कराया गया है।
इस मामले को लेकर काफी समय से पंडो जाति एवं गांव में बसे अन्य जाति के लोगों के बीच विवाद चल रहा है। वही इस मामले के निपटारे के लिए शासन ने प्रशासन को गांव में सर्वे कराने का निर्देश दिया है।
शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने वालों पर होगी कार्रवाई एसडीएम प्रदीप साहू का कहना है कि सर्वे के दौरान लगातार शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोगों द्वारा विवादित जमीन पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस वजह से गांव में विवाद की स्थिति निर्मित हो रही थी। इस मामले की जांच के लिए राजस्व अमला मौके पर पहुंचा था।
इस दौरान कुछ लोगों द्वारा आपत्ति जताई गई जिस वजह से विवाद (Dispute) की स्थिति निर्मित हो गई। वहीं एसडीएम ने कहा कि जिन लोगों ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान जो भी अवैध पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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