साथ ही कोरोना से दिवंगत शासकीय कर्मचारियों के आश्रित को विशेष पेंशन देने बिहार मंत्रिपरिषद ने 30 अप्रैल 2021 को निर्णय लिया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी कोरोना में ड्यूटी (Corona duty) कर रहे शिक्षकों को भी कोरोना वारियर्स का दर्जा देते हुए दिवंगत के परिजन को 50 लाख का बीमा कवर (Insurance cover) दिया जाए तथा तृतीय श्रेणी पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाए।
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एसोसिएशन का कहना है कि विषम परिस्थिति में भी शिक्षक जिम्मेदारी पूर्वक ड्यूटी कर रहे हैं। जब-जब आवश्यकता होती है कि अन्य विभाग के भी काम को शिक्षक
(Teachers) ही सहर्ष स्वीकार करके अपने कर्तव्यों का कुशल निर्वहन करते आ रहे है, पर जब भी शिक्षकों के हितों की बात होती है तो शासन-प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग मुंह फेर लेते है।
फिर भी शिक्षक कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे, वे निरन्तर शासन-प्रशासन के निर्देश का पालन कर ही रहे हैं। प्रदेश में कोरोना डयूटी से 300 से अधिक शिक्षकों की मृत्यु (Teachers death) हो गई पर उन्हें 50 लाख के बीमा कवर में नहीं लाया गया। अब तक कोरोना वारियर्स का दर्जा नही दिया गया है, परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति भी नहीं मिली। इससे शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
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जोखिम भरा ड्यूटी कर रहे शिक्षकएसोसिएशन ने कहा कि शिक्षक कोरोना काल में जोखिम भरा ड्यूटी कर रहे हैं। अस्पताल, शमशान घाट, वैक्सीनेशन, सैंपल, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड, चेक पोस्ट, कांटेक्ट ट्रेसिंग, कोविड सेंटर, क्वारेंटाइन सेंटर, टेस्टिंग में ड्यूटी कर रहे हैं। इसके बावजूद शासन ने शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर्स (Frontline workers) नहीं माना है।