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अंबिकापुर

प्रदेश में सत्ता बदली तो निगम में विपक्ष के प्रहार भी हुए कमजोर, सामान्य सभा में हुईं ये बातें, भाजपा पार्षद बोलीं- वहां लगा दूंगी ताला

आचार संहिता लगने के कारण अक्टूबर में नहीं हो पाई थी सामान्य सभा की बैठक, चुनाव बाद पहली बार पक्ष-विपक्ष हुए आमने-सामने

अंबिकापुरJan 15, 2019 / 08:23 pm

rampravesh vishwakarma

General assembly

General assembly of corporation

अंबिकापुर. विधानसभा चुनाव की वजह से नगर निगम की स्थगित सामान्य सभा की बैठक मंगलवार को सरगुजा सदन में आयोजित की गई। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली सामान्य सभा की बैठक पूरी तरह से बदली हुई नजर आई।
पूरी बैठक में न तो विपक्ष आक्रामक नजर आया और न ही सत्तापक्ष को किसी तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। विपक्ष के पार्षदों ने चार वर्ष के दौरान पहली बार सत्तापक्ष को जनहित के मुद्दे सुझाए। इस दौरान दोनों पक्षों ने कहा कि इस वर्ष होने वाले निगम चुनाव को लेकर सभी गम्भीर रहे।

सरगुजा सदन में मंगलवार को सभापति शफी अहमद की अध्यक्षता में सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक की शुरूआत में नेता प्रतिपक्ष जन्मजेय मिश्रा ने चार वर्ष के दौरान सामान्य सभा व एमसीआई की बैठक में लिए गए निर्णय के संबंध में कहा गया कि अब तक जो भी निर्णय हुए, उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
Safi Ahmad
उन्होंने कहा कि पार्षदों के कई मांग अभी लंबित हैं, पिछले चार वर्ष के दौरान सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है। अब सिर्फ एक वर्ष का समय शेष रह गया है। सभी पार्षदों को जनता के बीच जाना है। इसपर सभापति शफी अहमद ने कहा कि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव की वजह से जो बैठक स्थगित कर दी गई थी, उसे ही पुन: आयोजित किया गया है, इसलिए कोई भी नया प्रस्ताव नहीं लिया गया है।
20 दिन में आगामी सामान्य सभा बैठक होगी, उसमें नए प्रस्ताव लिए जाएंगे। महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि जितनी भी मांगें हैं उन्हें तत्काल पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगरीय प्रशासन मंत्री से मुलाकात कर ७६ करोड़ के काम का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने तत्काल स्वीकृत करने की बात कही है।
एक वर्ष के दौरान सभी काम पूरा कर लिए जाएंगे। उपमहापौर अजय अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। कांग्रेस की सरकार बनी है। नगर विकास के कार्यों के लिए कोई दलगत भावना नहीं होगी। जनता के संदर्भ में जो भी मुद्दे विपक्ष द्वारा सुझाए जाएंगे, उन्हें आपके साथ मिलकर कदम से कदम मिलाकर पूरा करेंगे।
पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री पेंशन की जितने भी आवेदन पिछले ६ माह से लंबित हैं और उनका भुगतान नहीं हो रहा है। उन्हें तत्काल स्वीकृत किया जाना चाहिए। इस पर सभापति शफी अहमद ने सभी पार्षदों के सहमति से स्वीकृत करने के निर्देश दिए। महापौर ने बताया कि 97 आवेदन लंबित हैं, जिन्हें स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए।
इस दौरान एमआईसी सदस्य हेमंत सिन्हा, विजय सोनी, द्वितेन्द्र मिश्रा, नीतू शर्मा, सरिता सिंह, जॉन लकड़ा, परमवीर सिंह बाबरा, संजय अग्रवाल, श्वेता गुप्ता, अनुराधा गोस्वामी, सीमा सोनी, विकास वर्मा, मनोज कंसारी, निरंजन राय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

15 दिन के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश
सामान्य सभा की बैठक में एसएलआरएम सेंटर के ई -रिक्शा मरम्मतीकरण और अटल आवास पर कब्जा को लेकर गड़बड़ी किए जाने के मामले में सभापति के निर्देश पर महापौर द्वारा कमेटी का गठन कर जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी अब तक दोनों मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इसे लेकर समान्य सभा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष व विपक्ष के पार्षदों द्वारा सदन में सवाल खड़े किए गए। दोनों ही मामले में सभापति शफी अहमद ने निगम आयुक्त को जांच रिपोर्ट के आधार पर १५ दिवस के अंदर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सरकार कर रही है परीक्षण, जल्द होगा आधा कर
नेता प्रतिपक्ष जन्मजेय मिश्रा ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा संपत्ति कर आधा किए जाने की बात कही गई थी लेकिन अब तक संपत्ति कर के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर अजय अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में संपत्ति कर आधा करने के संबंध में निर्णय लेने वाले हैं। इस संबंध में सरकार परीक्षण कर रही है और जल्द ही संपत्ति कर आधा करने के संबंध में निर्णय लेगी।

एक वर्ष में बन जाएंगे चारों दिशा में कांजीहाउस
नगर की बड़ी समस्या आवारा मवेशियों की धरपकड़ और कांजी हाउस की व्यवस्था है। ठेका पद्धति के विचार को सर्वसम्मति से निरस्त करते हुए पूरी व्यवस्था निगम द्वारा करने की बात कही गई। विपक्ष ने महापौर को याद दिलाते हुए कहा कि उनके द्वारा शहर के चारों दिशाओं में कांजी हाउस खोले जाने की बात कही गई थी।
इस पर महापौर ने कहा कि पिछली सरकार को कई बार इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, लेकिन प्रस्ताव आज तक पारित नहीं किया गया। वर्तमान सरकार इस संबंध में तत्काल निर्णय लेगी और एक वर्ष के अंतराल में चारों दिशा में कांजी हाउस का निर्माण कर लिया जाएगा।

एक सप्ताह में सभी पार्षदों को उपलब्ध कराएं जानकारी
निर्माण कार्यों को लेकर ठेकेदारों द्वारा बरती गई अनियमितता पर अक्सर कार्रवाई की बात की जाती है लेकिन नतीजा कुछ नहीं आता है। ठेकेदारों पर कार्रवाई किए जाने की बात तो कही जाती है। इसपर अजय अग्रवाल ने कहा कि यह बात सही है कि ठेकेदारों द्वारा काम लेने के बाद शुरू भी नहीं किया जाता है।
उन्होंने निगम आयुक्त से कहा कि एक सप्ताह में ऐसे ठेकेदार जिनके खिलाफ अब तक कार्रवाई की गई है उसकी पूरी जानकारी व जिन कार्यों को अभी तक ठेकेदार द्वारा शुरू नहीं किया है, उसकी सूची बनाकर सभी पार्षदों को उपलब्ध कराएं।

अधिकारी सिर्फ डाटा सेंटर में करते हैं मीटिंग
अजय अग्रवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि 2 साल तक निगम के अधिकारी डाटा सेंटर में मीटिंग करते रहे, परंतु उन मीटिंग में क्या हुआ और किस उद्देश्य से मीटिंग होती थी, इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने निगम आयुक्त को कहा कि पूरे एक वर्ष के दौरान जो भी बैठक करना है वह प्रशासनिक भवन में किया जाए।

केवल अवार्ड लेने के लिए नहीं करें काम
पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि निगम के सभी अधिकारी स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था में जुट जाते हैं और इसके बाद भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के समय ही सिर्फ हमे शौचालयों की साफ-सफाई की याद आती है। यह काम सिर्फ अवार्ड लेने के लिए नहीं किया जाए।
बल्कि पूरे वर्ष भर किया जाए, ताकि एक दिन के लिए हमे मेहनत नहीं करना पड़े। उन्होंने सभी शौचालय में सुरक्षाकर्मी नियुक्त करने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने गंगापुर कब्रिस्तान में एक चौकीदार रखने और पानी की सुविधा मुहैया कराने की भी बात सदन में रखी।

एसएलआरएम सेंटर में लगा दूंगी ताला
भाजपा पार्षद श्वेता गुप्ता ने कहा उनके वार्ड के रिहायशी एरिया में एसएलआरएम सेंटर बना हुआ है। शुरू में उन्होंने भी एसएलआरएम सेंटर बनाने का समर्थन किया था। इस दौरान महापौर, नेता प्रतिपक्ष व तात्कालीन कलक्टर रितु सेन भी मौजूद थी लेकिन गंदगी की वजह से वहां रहना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व आयुक्त सिर्फ अवार्ड लेने आई थीं। उन्होंने तो वार्ड के लोगों को दरवाजे से बाहर कर दिया था। अगर एसएलआरएम सेंटर वहां से नहीं हटाया गया तो मै खुद ताला लगा दूंगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे वहां कचरा डंप नहीं करने देंगीं।

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