अजमेर

जालसाजी के शिकार खुद बने आरोपी. .बैंक खातों के दुरुपयोग से ‘बेगुनाह’ भी चपेट में

दो साल पूर्व पीड़ितों ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का केस, उन्हीं पर अब देशभर में मुकदमे

2 min read
Dec 13, 2025
साइबर क्राइम

मनीष कुमार सिंह

अजमेर(Ajmer News). साइबर ठगी के बढ़ते जाल में फंसे अजमेर के मजदूर-परिवार दोहरी मार झेल रहे हैं। पहले नौकरी का झांसा देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए गए। फिर उन्हीं खातों से लाखों की जालसाजी की गई। अब, जब असली आरोपी फरार हैं तो बेगुनाह पीड़ितों पर देशभर में मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। नोटिस तामील होने पर परिवारों में खौफ और बेबसी का आलम है।

फॉयसागर रोड बोराज निवासी कैलाश सैन और उनके साथ काम करने वाले करीब 10-15 अन्य सिक्योरिटी गार्ड दो साल पहले एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हुए। उन्हें एटीएम में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाकर सुपरवाइज़र, कथित एचआर और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से एचडीएफसी बैंक में खाते खुलवाए गए। खातों की एटीएम किट, चेकबुक और पासबुक तक पीड़ितों को नहीं दी गईं। कुछ दिनों बाद पीड़ितों को खातों में लाखों रुपए ट्रांजेक्शन के मैसेज आने लगे। स्टेटमेंट निकालने पर उनके खातों का इस्तेमाल अन्य राज्यों से बड़ी रकम के ट्रांजेक्शन में होना पता चला।

दर्ज मुकदमे में लगा दी ‘एफआर’

पीड़ितों ने क्रिश्चियन गंज थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाया लेकिन पुलिस ने ‘एफआर’ लगाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब दो साल बाद देश के कई राज्यों से 2023, 2024 में दर्ज जालसाजी और साइबर फ्रॉड के नए मामलों में कैलाश सैन और उनके साथियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। पुलिस उन्हें तलब कर अपराधी सरीखा बर्ताव कर रही है।पीड़ित कैलाश सैन का कहना है कि वे खुद जालसाजी के शिकार हुए हैं, लेकिन अब उन पर ही पुलिस कार्रवाई की तलवार लटक गई है। बढ़ते नोटिस व पुलिस दबाव से परिवार में बच्चे. महिलाएं दहशत में हैं। कैलाश को यूपी समेत 7 राज्यों में दर्ज मुकदमों में नोटिस मिले तो परिवार अवसाद में आ गया।

यहां मुकदमे दर्ज

पत्रिका पड़ताल में आया कि कैलाश सैन के बैंक खाते में 10 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। इस पर महाराष्ट्र के थाने सिटी के मनपाड़ा थाने में-2 प्रकरण, भाई कला थाने में एक, राजस्थान बारां जिले के मोटपुर थाना, गुजरात में साबर कांठा, तमिलनाडू के कोयमबटूर, उत्तरप्रदेश गाजीपुर के खानपुर थाने में साइबर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है। उसके साथियों के खिलाफ भी देशभर के कई पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज हैं।

नहीं दें एटीएम कार्ड, मोबाइल नम्बर

साइबर विशेषज्ञ देवेन्द्र कुमार का कहना है कि मामला देशभर में फैल रहे खाता किराए पर लेने और खाते को खुलवाने वाले बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। जिसमें बेरोजगार युवाओं को नौकरी या कमीशन के लालच में इस्तेमाल कर उनके खातों से धोखाधड़ी की जाती है। एटीएम कार्ड, पिन नम्बर व मोबाइल सिमकार्ड की सुरक्षा स्वयं की जिम्मेदारी है।

Also Read
View All

अगली खबर