आधार कार्ड की तरह से अब हर स्कूली छात्र का बारह अंकों का अपार कार्ड यानि ऑटोमेटिड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट बनाने का काम चल रहा है। प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों में अपार आईडी कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके चलते छोटे जिले अपना लक्ष्य पूरा करने की ओर अग्रसर है, लेकिन अलवर जिले में काम की गति धीमी होने से लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो रहा है। अलवर 37 वें स्थान पर है।
4.81 लाख में केवल 2.37 लाख विद्यार्थियों के ही आईडी कार्ड बने
अलवर. आधार कार्ड की तरह से अब हर स्कूली छात्र का बारह अंकों का अपार कार्ड यानि ऑटोमेटिड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट बनाने का काम चल रहा है। प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों में अपार आईडी कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके चलते छोटे जिले अपना लक्ष्य पूरा करने की ओर अग्रसर है, लेकिन अलवर जिले में काम की गति धीमी होने से लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो रहा है। अलवर 37 वें स्थान पर है। यहां 16 ब्लॉक हैं, इसके बाद भी अभी तक अभी तक लक्ष्य के मुकाबले 48.47 प्रतिशत छात्रों के ही अपार आईडी कार्ड तैयार हो पाए हैं। यहां 4 लाख 81 हजार 139 विद्यार्थियों में से अभी तक 2 लाख 37 हजार 294 विद्यार्थियों के ही कार्ड बने हैं। तिजारा 38वें पायदान पर है। जहां 1 लाख 17 हजार 586 विद्यार्थियों के ही कार्ड बने हैं जो कि कुल लक्ष्य का 47.85 प्रतिशत है।
ब्यावर को मिला है पहला स्थान शिक्षा विभाग की ओर से जारी रैंङ्क्षकग में ब्यावर प्रथम है, जहां 67.62 प्रतिशत कार्ड बनाए गए हैं। इसी तरह केकड़ी 66.85 द्वितीय व डूंगरपुर और गंगानगर तृतीय और चतुर्थ स्थान प्राप्त किया है। राजधानी जयपुर ग्रामीण का सबसे अंतिम 50 वां स्थान है। अब तक पूरे प्रदेश में 82 लाख 92 हजार 629 अपार आइडी अब तक जनरेट की गई है। पूरे राज्य की उपलिब्ध 52.55 प्रतिशत है।
पांच ब्लॉक में काम की रफ्तार धीमी
अलवर जिले में थानागाजी, नारायणपुर, उमरैण व कठूमर व भनोखर ब्लॉक में काम की धीमी गति के चलते अपार आईडी में राज्य में 37वें नंबर है। यहां पर 50 प्रतिशत से भी कम काम हुआ है। कठूमर में 43.49, नारायणपुर में 31.53, थानागाजी में 39.08 व उमरैण में 46.39 प्रतिशत व भनोखर में 45.45 प्रतिशत काम हुआ हैं।
फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, एक क्लिक में मिलेगी जानकारी
वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर इसका उपयोग किया जाएगा। पूरा रिकार्ड अपार आईडी में होने से फर्जीवाडे की संभावना कम होगी। अलवर में पांच ब्लॉक का काम धीमा है। मुख्यालय इन पर कार्रवाई भी करेगा।
-मनोज शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर।