weather news उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के साथ ही उत्तरी हवा फिर से मैदानी राज्यों में आने लगी हैं। इससे ठिठुरन बढ़ गई है।
उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के साथ ही उत्तरी हवा फिर से मैदानी राज्यों में आने लगी हैं। इससे ठिठुरन बढ़ गई है। खेतों में फसलों पर बर्फ की परत नजर आई। अलवर में सूखी घास और लकड़ियों पर भी ओस जम गई। मौसम विभाग ने जिले में अगले दो दिन शीतलहर चलने की चेतावनी दी है। इससे दिन के तापमान में 2 से 4 डिग्री से. तक गिरावट हो सकती है, इसके बाद 28 दिसंबर से बादल छाए रहने की संभावना है।
शहर में भी सर्द हवा का जोर रहा। पूरे दिन के बाद रात तक सर्द हवा चलने से तेज सर्दी रही। मौसम साफ रहा और दिनभर तेज धूप खिली। मगर सर्द हवा के आगे धूप भी पस्त दिखी। रात को सड़कों पर भीड़भाड़ कम रही। इस सीजन में दूसरी बार रात का पारा 5 डिग्री से. पर आ गया। इसमें 3.6 डिग्री से. की कमी आई। हालांकि दिन का पारा 23.4 डिग्री से. दर्ज किया गया।
शीतलहर गेहूं, सरसों, चना और मटर के लिए फायदेमंद रहेगी। इससे कीटों का प्रकोप कम होगा और पौधों के विकास में मदद मिलेगी। इससे पैदावार बढ़ सकती है, लेकिन पाला पड़ा तो फसलों को नुकसान हो सकता है। हालांकि पिछले दिनों सर्दी का असर कम रहने की वजह से किसान परेशान नजर आ रहे थे। अब सर्दी बढ़ने के साथ फसलों को फायदा मिलने की उम्मीद बंधी है।
शीतलहर के दौरान शरीर का तापमान तेजी से गिर सकता है, जिससे सर्दी-खांसी, निमोनिया, हाइपोथर्मिया तथा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ह्रदय रोग, स्ट्रॉक, और त्वचा की समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए गर्म और ढीले कपड़े पहनें। घर के अंदर रहें, गर्म पेय पिएं और मौसमी फल (विटामिन सी के लिए) खाएं।
शीतलहर चलने के साथ ही एक्यूआई में भी कमी आई है। भिवाड़ी का एक्यूआई 222 दर्ज किया गया। अलवर का एक्यूआई भी 98 दर्ज किया गया।