. जिला अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को अब ईसीजी के दौरान शर्मसार नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए सोमवार को इमरजेंसी में ईसीजी के लिए अलग कक्ष बनाया गया है। इससे पहले इमरजेंसी में आने वाली महिलाओं की गैलरी में ही खुलेआम ईसीजी कराई जा रही थी। महिलाओं के आत्मसम्मान से जुड़े इस मुद्दे को लेकर पत्रिका के रविवार के अंक में ‘इमरजेंसी के मरीजों की खुले में कर रहे ईसीजी, महिलाएं हो रही शर्मसार’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया गया था।
पुराना रामाश्रय वार्ड भी किया शुरू, मरीजों को मिलेगी राहत
अलवर. जिला अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को अब ईसीजी के दौरान शर्मसार नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए सोमवार को इमरजेंसी में ईसीजी के लिए अलग कक्ष बनाया गया है। इससे पहले इमरजेंसी में आने वाली महिलाओं की गैलरी में ही खुलेआम ईसीजी कराई जा रही थी। महिलाओं के आत्मसम्मान से जुड़े इस मुद्दे को लेकर पत्रिका के रविवार के अंक में ‘इमरजेंसी के मरीजों की खुले में कर रहे ईसीजी, महिलाएं हो रही शर्मसार’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया गया था। इस खबर के प्रकाशित होते ही रविवार को ही कलक्टर आर्तिका शुक्ला ने अस्पताल का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। इसके अगले दिन सोमवार को अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में इमरजेंसी के मरीजों की ईसीजी के लिए अलग से कक्ष शुरू कर दिया है।
बेड के लिए नहीं होगी परेशानी
उधर, पुराना रामाश्रय वार्ड भी फिर से शुरू हो गया है। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। अस्पताल प्रशासन की ओर से पिछले दिनों रामाश्रय वार्ड में मरम्मत कार्य कराया गया था। इस दौरान रामाश्रय वार्ड के मरीजों को नए वार्ड में शिफ्ट कर दिया था, लेकिन मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद भी पुराने वार्ड को बंद किया हुआ था। दूसरी ओर से मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढऩे से मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बेड के लिए परेशान होना पड़ रहा था। आमजन से जुड़ी इस समस्या को पत्रिका की ओर से प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सोमवार को पुराने रामाश्रय वार्ड को फिर से शुरू कर दिया है। अब अस्पताल की ऊपरी मंजिल में एक नया वार्ड खाली है। इसमें बेड भी लगाए हुए है। इस वार्ड को बेड की जरूरत पडऩे पर काम में लिया जा सकेगा। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिल सकेगी।