21 को मेहंदी रस्म से होगी शुरुआत, 22 को निकलेगी स्वर्ण रथयात्रा अलवर. जैन समाज की ओर से वर्तमान कालीन चौबीस तीर्थंकरों के समवशरण की 2ं5 प्रतिकृतियों के साथ श्रीकल्पद्रुम महामंडल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन जैन वाटिका, नसियाजी, करौली कुंड में 22 सितंबर से आरंभ होकर 27 सितंबर तक होगा। यह कार्यक्रम उपाध्याय विज्ञानन्द […]
21 को मेहंदी रस्म से होगी शुरुआत, 22 को निकलेगी स्वर्ण रथयात्रा
अलवर. जैन समाज की ओर से वर्तमान कालीन चौबीस तीर्थंकरों के समवशरण की 2ं5 प्रतिकृतियों के साथ श्रीकल्पद्रुम महामंडल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन जैन वाटिका, नसियाजी, करौली कुंड में 22 सितंबर से आरंभ होकर 27 सितंबर तक होगा। यह कार्यक्रम उपाध्याय विज्ञानन्द मुनिराज के सान्निध्य में आयोजित किया जाएगा।
णमोकार उपासना वर्षा योग समिति के संयोजक पवन चौधरी और सहसंयोजक संजय जैन ने प्रेसवार्ता में बताया कि 21 सितंबर को 7.30 बजे जैन वाटिका नसियाजी में मेहंदी रस्म से कार्यक्रम शुरू होंगे। 22 सितंबर को सुबह 7 बजे से भव्य जिनेंद्र यात्रा स्वर्ण रथयात्रा के साथ निकलेगी, जिसमें मुनेंद्र यात्रा, चक्रवर्ती यात्रा, ऐरावत हाथी के साथ सुरेंद्र यात्रा, इंद्र यात्रा बग्गी के साथ व घटयात्रा शामिल होगी। इसमें मुय आकर्षण ड्रोन से पुष्प वर्षा रहेगी। तीन ऐरावत हाथी स्वर्ण रथयात्रा में शामिल होंगे। 22 सितंबर की रात 8 बजे जादूगर विल्सन का मैजिक शो होगा। 23 सितंबर से 28 सितंबर तक सुबह 6 बजे से अभिषेक शांतिधारा और नित्य पूजन हुए समवशरण अर्चना का कार्यक्रम होगा। 6.30 बजे से मंगल आरती होगी। इसके बाद शास्त्र सभा होगी और 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 23 सितंबर को शाम 7.30 बजे इंद्रसभा नाटिका का मंचन चक्रेश जैन सोजना की ओर से होगा। 24 सितंबर 6.30 बजे जैन भजन सम्राट अभिषेक जैन जयपुर जैन भजनों की प्रस्तुति देंगे। 24 सितंबर को 7.30 बजे राजा श्रेणिक नाटिका का मंचन चक्रेश जैन सोजना की ओर से किया जाएगा। इसी तरह 25 सितंबर को चक्रेश जैन सोजना की ओर से भरत बाहुबली युद्ध नाटिका का मंचन किया जाएगा। 26 सितंबर को 7.30 बजे से जैन भजन सम्राट रूपेश जैन के सान्निध्य में संगीत संध्या होगी। इस दौरान अशोक जैन कार्यकारणी अध्यक्ष, पदमप्रभु दिगंबर जैन अग्रवाल पंचायती मंदिर, प्रवीण जैन अध्यक्ष, ऋषभदेव दिगंबर जैन खंडेलवाल पंचायती मंदिर, एडवोकेट राजेंद्र जैन अध्यक्ष बड़तला पंचायती मंदिर आदि मौजूद रहे।
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