शहर में नाइट टूरिज्म का मार्ग 2 किमी लंबा होगा। इस मार्ग को पर्यटकों के लिए मुफीद बनाने को करीब 32 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वह सभी सुविधाएं मुहैया होंगी, जो पर्यटकों के लिए जरूरी हैं।
आकर्षक लाइट लगेंगी, शहर की पुरानी दीवारें चमकेंगी, यातायात के साधन भी चलेंगे
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे, खाने की दुकानों को लाइसेंस मिलेंगे, बाजार भी लगेगा
अलवर. शहर में नाइट टूरिज्म का मार्ग 2 किमी लंबा होगा। इस मार्ग को पर्यटकों के लिए मुफीद बनाने को करीब 32 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वह सभी सुविधाएं मुहैया होंगी, जो पर्यटकों के लिए जरूरी हैं। इन प्रस्ताव को प्रशासन ने मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया है। वहां से पास होने के बाद काम शुरू होगा।
यह रहेगा मार्ग
शहर के घंटाघर से इसकी शुरुआत होगी। उसके बाद होप सर्कस होते हुए त्रिपोलिया मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, पुराना कलक्ट्रेट मार्ग से सीधे सागर तक पहुंचा जा सकेगा। यहीं पर हाथीकुंड भी है। इसके अलावा मूसी महारानी की छतरी, सिटी पैलेस का भ्रमण हो सकेगा।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने नाइट टूरिज्म के शहर में विकल्प को लेकर खबरें प्रकाशित की। यूआईटी के एक्सईएन कुमार संभव अवस्थी, रिटायर्ड एक्सईएन प्रमोद शर्मा के जरिए हमने नाइट टूरिज्म का रास्ता सुझाया। बताया कि घंटाघर से लेकर सागर तक पहुंचने के लिए कौन से कार्यों को अंजाम देना होगा। प्रशासन ने उसी तर्ज पर इसका प्लान तैयार किया और सुविधाओं पर खर्च होने वाली रकम का खाका तैयार कर सरकार को भेज दिया।
इस तरह होंगी सुविधाएं
दूसरे चरण में इन स्थलों को जोड़ा जा सकता
मोती डूंगरी, गरबाजी, जयसमंद, भूरा सिद्ध मंदिर, लाल डिग्गी, नटनी का बारा।
इनका कहना है
नाइट टूरिज्म का मार्ग दो किमी लंबा होगा। सुविधाओं आदि पर करीब 32 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसका प्रस्ताव सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है।