New Year 2025: ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी अंग्रेजी कैलेंडर का नव वर्ष 1 जनवरी से शुरू हो रहा है, यह अंग्रेजी कैलेंडर का 2025 वां साल होगा। ऐसे में आपके मन में सवाल उठता होगा कि हिंदू कैलेंडर का नव वर्ष कब शुरू होगा तो आइये जानते हैं कब शुरू होगा हिंदू नव वर्ष 2025 ...
New Year 2025: हर देश और समाज के अपने कैलेंडर हैं, जो अपनी परंपराओं रीतियों और गणनाओं के आधार पर तैयार किए गए हैं। वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपर्क के लिए ग्रेगोरियन यानी अंग्रेजी कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं, जिसका पहला महीना जनवरी माना जाता है। इसके पहले दिन यानी 1 जनवरी को नए साल का उत्सव मनाया जाता है। बुधवार से अंग्रेजी कैलेंडर का 2025 वां साल यानी नव वर्ष 2025 शुरू हो रहा है।
भारत में अलग-अलग समाजों के अपने अलग-अलग कैलेंडर प्रचलित हैं। मुस्लिम कम्युनिटी हिजरी कैलेंडर, यहूदी कम्युनिटी हिब्रू कैलेंडर, जैन कम्युनिटी जैन कैलेंडर, पारसी समुदाय पारसी कैलेंडर आदि का स्थानीय व्रत त्योहार और परंपराओं में करते हैं तो हिंदू कम्युनटी इसके लिए हिंदू पंचांग विक्रम संवत और शक सम्वत का प्रयोग करता है। हालांकि भारत में हिंदू कम्युनिटी कई और कैलेंडर अमांत और पूर्णिमांत आदि का प्रयोग भी करती है।
बता दें कि कुछ बातों को छोड़कर इसमें अधिकांश की गणना का तरीका लगभग समान है। सूर्य चंद्र या चंद्र गणना पर आधारित इन हिंदू कैलेंडर का नया साल हिंदू पंचांग के पहले महीने चैत्र शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से शुरू होता है और ये तिथि सबमें समान है। कई कैलेंडर में साल अलग हैं।
इसी दिन हिंदू नव वर्ष, गुड़ी पड़वा, उगादी और चैत्र नवरात्रि घटस्थापना जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। इसी दिन से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का उत्सव नव संवत्सर मनाया जाता है।
ये भी बता दें हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत ग्रेगोरियन कैलेंडर से 57 साल आगे का है, जबकि शक संवत 78 साल पीछे है यानी अंग्रेजी कैलेंडर के साल में 57 जोड़ने पर हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत का साल आ जाता है और 78 घटाने पर शक संवत भारतीय राष्ट्रीय पंचांग का साल आ जाता है (जनवरी से मार्च के बीच यह अंग्रेजी कैलेंडर से 79 साल पीछे होता है) । इस तरह जब हम अंग्रेजी नव वर्ष 2025 मनाने जा रहे हैं तो आइये जानते हैं कब मनाया जाएगा हिंदू नव वर्ष और कौन सा संवत चलेगा ..
पंचांग के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर के नव वर्ष 2025 के मार्च महीने के आखिर में 30 मार्च से हिंदू नव वर्ष विक्रमी संवत 2082 चलेगा (चंद्र सौर चक्र आधारित) , इसका नाम कालयुक्ता है, धार्मिक कार्यों में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
जबकि सौर चक्र पर आधारित शक संवत 1947 विश्वसु और मराठी शक सम्वत 1947 शुरू होगा। इस दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि रहेगी। इसी दिन हिंदू नव वर्ष, उगादी, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि घटस्थापना, नव संवत्सर उत्सव मनाया जाता है। आइये जानते हैं कब शुरू हो रही है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि ..
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प्रतिपदा तिथि का आरंभः 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे
प्रतिपदा तिथि समापनः 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे
घटस्थापना मुहूर्तः सुबह 06:29 बजे से सुबह 10:36 बजे तक
घटस्थापना अभिजित मुहूर्तः दोपहर 12:15 बजे से दोपहर 01:04 बजे तक
भारत सरकार ने अपने कामकाज के लिए दो कैलेंडर को मान्यता दे रखी है। अंतरराष्ट्रीय कामकाज के लिए ग्रेगोरियन कैलेंडर जिसके 2025 वें साल की शुरुआत हो रही है। दूसरा हिंदू कैलेंडर जो शक संवत को संदर्भित करता है। इसके 1947वें साल की शुरुआत 30 मार्च 2025 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होगी (यह तिथि प्रायः 21 मार्च से 20 अप्रैल के बीच पड़ती है)। इसमें भी साल के 12 महीने और 365 दिन होते हैं।
भारत सरकार ने शक संवत कैलेंडर (भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर) को भारतीय राष्ट्रीय पंचांग के रूप में 22 मार्च 1957 (चैत्र 1, 1879) को अपनाया था। इसे शालिवाहन शक कैलेंडर के नाम से भी जाना जाता है। यह कैलेंडर चंद्र गणना आधारित है और इसकी तिथियां ग्रेगोरियन कैलेंडर की डेट के अनुरूप हैं।
इसके इतिहास पर मतभेद है, लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि 78 ई. में राजा चष्टाना के राज्यारोहण के समय इसकी शुरुआत हुई थी। वहीं कई लोगों का मानना है कि राजा शालिवाहन के शकों पर जीत के उपलक्ष्य में इसकी शुरुआत की गई थी।