Samsaptam Yoga: 11 अक्टूबर 2025 को बन रहा है शुक्र-शनि समसप्तक योग, जो 3 राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। जानें ज्योतिषीय प्रभाव, करियर-स्वास्थ्य पर असर और राहत के उपाय।
Samsaptam Yoga: 11 अक्टूबर 2025, शनिवार की शाम 4 बजकर 38 मिनट पर वैदिक ज्योतिष के दो महत्वपूर्ण ग्रह शुक्र और शनि समसप्तक योग का निर्माण करेंगे। यह योग तब बनता है जब दो ग्रह एक-दूसरे के ठीक विपरीत भावों पर स्थित होते हैं। इस स्थिति को ज्योतिष में प्रतियुति दृष्टि कहा जाता है। शुक्र जहां सुख, वैभव, प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक हैं, वहीं शनि कर्म, अनुशासन, कष्ट और न्याय का कारक ग्रह माने जाते हैं। जब ये दोनों ग्रह आमने-सामने आते हैं, तो जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।
शुक्र और शनि एक-दूसरे के विरोधी ग्रह हैं, इसलिए इनकी प्रतियुति दृष्टि का असर कुछ राशियों के जीवन में चुनौतियाँ और अवसर दोनों लेकर आता है। इस बार बनने वाला शुक्र-शनि समसप्तक योग विशेष रूप से मिथुन, कन्या और कुंभ राशि के जातकों के लिए सावधानी का संकेत दे रहा है।
मिथुन राशि वालों को इस योग के दौरान मानसिक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर वरिष्ठों से मतभेद या निर्णयों में उलझन हो सकती है। अचानक लिए गए फैसले आगे चलकर परेशानी का कारण बन सकते हैं।
उपाय:शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनकर मां लक्ष्मी की पूजा करें। शनिवार को काले तिल और तेल का दान करें। रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कन्या राशि के जातकों के लिए यह योग स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों में सतर्कता की मांग कर रहा है। त्वचा, आंखों या थकान से जुड़ी परेशानी हो सकती है। आर्थिक नुकसान या अनावश्यक खर्च की स्थिति बन सकती है।
उपाय:शुक्रवार को सुगंधित इत्र या चंदन का दान करें। शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। प्रतिदिन ‘श्री सूक्त’ का पाठ करें।
कुंभ राशि के लिए यह योग वैवाहिक जीवन या साझेदारी में तनाव ला सकता है। करियर या बिज़नेस में रुकावटें आएंगी। यदि शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा।
उपाय: शुक्रवार को गाय को हरा चारा खिलाएं। शनिवार को गरीबों को लोहे का सामान या कंबल दान करें। ‘शनि चालीसा’ या ‘शनि स्तोत्र’ का पाठ करें।