Surya Grahan 2025: पिछला सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं था, ऐसे में लोग जवाब तलाश रहे हैं कि इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं। आइये जानते हैं जवाब
First Solar Eclipse: हिंदू पंचांग के अनुसार ग्रेगोरियन कैलेंडर साल का तीसरा महीना खगोलीय, धार्मिक और ज्योतिषीय गणना के लिहाज से बड़ा महत्वपूर्ण है।
यह महीना मार्च मौसम परिवर्तन का गवाह बनने वाला है तो सूर्य ग्रहण से शनि राशि परिवर्तन तक की बड़ी घटनाओं का साक्षी भी बनेगा। आइये जानते हैं कब लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण और क्या भारत में ये दिखाई देगा या नहीं और सूतक काल लगेगा या नहीं ..
हिंदू माइथोलॉजी के अनुसार सागर मंथन से निकले अमृत को देवताओं की पंक्ति में बैठकर पीने की कोशिश कर रहे राहु का भगवान विष्णु ने काट दिया था। इससे राहु दो भागों में बंट गया, सिर को राहु कहा गया तो धड़ को केतु। चूंकि राहु के साथ यह घटना सूर्य चंद्र के इशारे की वजह से हुई थी, इसलिए हर साल अमावस्या पर केतु सूर्य को ग्रसने का प्रयास करता है तो पूर्णिमा पर राहु चंद्रमा को। इसी वजह से ग्रहण लगता है।
वहीं खगोलविज्ञान के अनुसार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा परिभ्रमण करते हुए आ जाता है, (यह घटना अमावस्या पर होती है) तो सूर्य का बिंब चंद्रमा के कारण पृथ्वी से दिखाई नहीं देता, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस समय चंद्रमा का अक्षांस सूर्य के करीब होता है।
सूर्य ग्रहण 3 प्रकार का होता है 1. पूर्ण सूर्य ग्रहण 2. आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण। वहीं जब पृथ्वी सूर्य चंद्रमा के बीच आ जाती है तो सूर्य की रोशनी न पहुंचने के कारण चंद्रमा दिखाई नहीं दिखाई देता है। इसी को चंद्र ग्रहण कहते हैं। यह घटना पूर्णिमा के दिन होती है।
पंचांग के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 (चैत्र माह, कृष्ण पक्ष अमावस्या) को लगेगा। इसकी शुरुआत दोपहर 02:20 बजे होगी और समापन शाम 06:16 बजे होगा। इसी दिन शनि राशि परिवर्तन कर गुरु की राशि मीन में पहुंचेंगे और भ्रमण शुरू करेंगे।
ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार भारत में नहीं दिखाई देगा। 29 मार्च को लग रहा सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है और यह उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग, यूरोप और उत्तरी रूस से दिखायी देगा। कुल मिलाकर यह कनाडा, पुर्तगाल, स्पेन, आयरलैण्ड, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, जर्मनी, नॉर्वे, फिनलैंड और रूस से दिखायी देगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत के साथ पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, फिजी, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों में भी दिखायी नहीं देगा। इसके अलावा यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी हिस्सों, ऑस्ट्रेलिया और अधिकांश दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के देशों से भी दिखायी नहीं देगा।
साल का पहला सूर्य ग्रहण पुर्तगाल में लिस्बन, स्पेन में मैड्रिड, संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यूयॉर्क, आयरलैंड में डबलिन, फ्रांस में पेरिस, रूस में सेंट पीटर्सबर्ग, यूनाइटेड किंगडम में लंदन, जर्मनी में बर्लिन और फिनलैंड में हेलसिंकी में दिखाई देगा।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूतक काल सूर्य ग्रहण से 8 घंटे पहले ही लग जाता है। इस समय कई कार्यों पर धार्मिक रोक लग जाती है। इस अशुभ समय में मंदिर बंद कर दिए जाते हैं, भोजन नहीं किया जाता और न ही बनाया जाता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण, स्नान, दान जैसे धार्मिक कर्तव्य निभाने का विधान है।
लेकिन सूर्य ग्रहण का सूतककाल वहीं लगता है, जहां सूर्य ग्रहण दिखाई दे। जहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देता वहां सूतक काल संबंधित किसी कर्म की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए भारत में भी इसकी जरूरत नहीं है।