वारासिवनी न्यायालय में किया गया पेश वनरक्षक हिमांशु घोरमारे अब भी चल रहा फरार अब तक इस मामले में एक शासकीय कर्मी सहित सात लोग किए जा चुके गिरफ्तार
बारिश की बाढ़ में बहकर आई बाघिन उम्र छह वर्ष के शव को बिना प्रोटोकाल के जलाने के मामले में तीन माह से फरार चल रहे दो शासकीय कर्मचारियों में मुख्य आरोपी डिप्टी रेंजर टीकाराम पिता मुंशी हिनोते बालाघाट निवासी को स्टेट टाइगर स्टाइक फोर्स जबलपुर इकाई ने दो नवंबर को जबलपुर नर्मदा नदी किनारे ग्वारीघाट से गिरफ्तार किया हैं। इस मामले में लालबर्रा निवासी वनरक्षक हिमांशु घोरमारे अब भी फरार है। गिरफ्तार आरोपी को मंगलवार को वारासिवनी न्यायालय में पेश किया गया। मामले में शामिल आठवां आरोपित वनरक्षक व बीटगार्ड हिमांशु घोरमारे की तलाश टीम कर रही है।
बता दें कि दक्षिण वन मंडल बालाघाट अंतर्गत सोनेवानी कंजर्वेशन रिजर्व लालबर्रा के बहियाटिकुर बीट कक्ष क्रमांक 443 में 27 जुलाई को ग्राम बोरी के पोटूटोला नहर के पास बहने वाले कालागोटा नाले में बाघिन का शव बहकर आया था। डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते व वनरक्षक हिमांशु घोरमारे के कहने पर सुरक्षा श्रमिकों ने तीन दिन तक शव को इधर उधर स्थान बदल बदलकर रखा और 30 जुलाई को लकड़ी का इंतजाम होने पर जला दिया गया था।
मृत बाघिन की फोटो इंटरनेट मीडिया पर दो अगस्त को एक वन्यजीव प्रेमी ने बहुप्रसारित की थी। आनन-फानन में वन विभाग ने टीम गठित शव को जंगल में खोजना शुरू किया। दो दिन तक जहां शव बहकर आया था, उस स्थान तक टीम पहुंची थी, लेकिन शव वहां नहीं मिला था। तीसरे दिन नाले किनारे जिस जगह पर शव को जलाया गया था, वहां पर पेड़ों के झूलसे पत्तों से बाघिन के शव को जलाने की पुष्टि की गई। इसके बाद छह सुरक्षा श्रमिकों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। जिन्होंने पूछताछ में डिप्टी व वनरक्षक के कहने पर शव जलाने की बात बताई थीं।
खास बात यह है कि शव को जंगल में खोजने के दौरान छह आरोपित को पकड़े जाने तक डिप्टी रेंजर व वनरक्षक साथ में ही थे, लेकिन वन विभाग को पता रहने के बाद भी उन्हें पकड़ा नहीं गया और वे दोनों फरार हो गए। दो-तीन बार डीएफओ ने कार्यालय में हाजिर होने नोटिस भी जारी किया, लेकिन दोनों फरार ही रहे। आरोपियों को सेवा से पृथक करने भोपाल प्रस्ताव भेजा गया था। डीएफओ ने आठ अक्टूबर को दोनों वरिष्ठ स्तर से अनुमति मिलती ही सेवा से पृथक कर दिया गया था। विभिन्न न्यायालयों से आरोपियों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी। तब से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे। जिन पर पांच-पांच हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
मामले को गंभीरता से लेकर स्थानीय स्तर पर एसआइटी गठित की गई थी, लेकिन वन्यजीव प्रेमियों के विरोध के चलते कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव मध्य प्रदेश भोपाल के द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए यह प्रकरण की अग्रिम विवेचना के लिए प्रकरण का पांच अगस्त 2025 को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स जबलपुर इकाई को हस्तांतरण किया गया। अब फरार आठवां आरोपी वनरक्षक की टीम तलाश कर रही है।
:- शिवकुमार पिता सुरपात धुर्वे नवेगांव लालबर्रा।
:- देव सिंह पिता गनपत कुंभरे बोरीटोला लालबर्रा।
:- शैलेष पिता ज्ञानसिंह धुर्वे नवेगांव लालबर्रा।
:- हरिलाल पिता सितकुर एड़पांचे चितालटोला।
:- अनुज पिता मिठ्ठनसिंह सिरसाम टेकाड़ी लालबर्रा।
:- मानसिंह पिता दीपसिंह सलामे खैरगोंडी लालबर्रा।
:- टीकाराम हिनोते पिता मुंशी हिनोते निवासी बालाघाट