बालाघाट

बैलगाड़ी और टै्रक्टर रैली निकाल किया गया प्रदर्शन

किसान गर्जना संगठन का प्रदर्शन सात सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंप ज्ञापन

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Nov 16, 2025
किसान गर्जना संगठन का प्रदर्शन

किसान गर्जना संगठन ने जिला अध्यक्ष रामकुमार नगपुरे के नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष अरविंद चौधरी के मार्गदर्शन में वृहद प्रदर्शन किया। यसत सूत्रीय मांगों को लेकर किसान और पदाधिकारियों ने खैरी तिरोड़ा मार्ग से मुख्यालय होते हुए तहसील मुख्यालय तक बैलगाड़ी और टै्रक्टर रैली निकाल किसान हित में प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी प्रमुख पदाधिकारी बैल गाड़ी पर सवार होकर अपील करते नजर आए। जनपद मैदान में रैली सभा में तब्दील हुई। यहां बारी-बारी से संगठन के पदाधिकारियों ने अपनी मांगे शासन प्रशासन और जनता के समक्ष रखी।

कार्यक्रम को अरविंद चौधरी, रामकुमार नगपुरे, भारत सिंह शिवहरे, कुलदीप ढोमने, अजब सिंह, नंदू नगपुरे, नीलू दमाहे, तेजराम नगपुरे, भरतलाल बिसेन, रामचंद शिवहरे, राजेन्द्र नगपुरे, रजनीश नकासे, रेशमा कुंभरे, जीतलाल बसेने, रंजीत लिल्हारे, डेविड सेलोकर सहित अन्य लोगों ने संबोधित कर किसानों की आवाज बुलंद की।

प्रभावितों को मिले मुआवजा

संगठन के जिला अध्यक्ष रामकुमार नगपुरे ने कहा कि जिन किसानों की फसल कीट व्याधि और बारिश से प्रभावित हुई हैं, उनको वास्तविक मुआवजा दिया जाए। पटवारी सहित सर्वे टीम में शामिल सभी लोग इस बात का विशेष ध्यान देवें। अरविंद चौधरी ने कहा कि किसान काफी आहत और दुखी है। प्रशासन की सर्वे टीम को आर्थिक और मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भी किसान का सहयोग करना है। सभा के बाद तहसीलार को सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया गया।

इन मांगो को लेकर सौंपा ज्ञापन

बारिश एवं कीट व्याधि से धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। खैरलांजी क्षेत्र को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर मुआवजा तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ दिया जाए। सरकार चुनावी वादे अनुसार किसानों की धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीदे। किसानों को 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस दिया जाए। प्रभावित धान को खरीदी केन्द्रों पर अस्वीकार ना किया जाए। किसानों का खरीफ सत्र 2025-26 का ऋण माफ किया जाए। किसानों को 18 घंटे बिजली दी जाए। क्षेत्र में जंगली सूकरों का आतंक बढ़ चुका है। किसानों को सूकर मारने का अधिकार दिया जाए।
वर्सन
जब संगठन का ज्ञापन प्रारंभ में मिला था, तभी से सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। शासन की गाइडलाइंस के अनुसार किसानों को हुए फसल नुकसान का वास्तविक सर्वे कर मुआवजे के प्रकरण बनाए जा रहे हैं।
छवि पंत, तहसीलदार

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