बालोद जिला मुख्यालय में दिनों दिन होर्डिंग की संख्या बढ़ रही है। बड़े-बड़े भवनों में होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। ऊंचे भवनों में लगी होर्डिंग की गुणवत्ता व मजबूती की जांच नहीं की गई है, जो खतरा साबित हो सकते हैं।
Hoarding : बालोद जिला मुख्यालय में दिनों दिन होर्डिंग की संख्या बढ़ रही है। बड़े-बड़े भवनों में होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। ऊंचे भवनों में लगी होर्डिंग की गुणवत्ता व मजबूती की जांच नहीं की गई है, जो खतरा साबित हो सकते हैं। कमजोर होर्डिंग्स को हटाने की जरूरत है। दो माह बाद मानसून सीजन की शुरुआत हो जाएगी। मानसून में तेज हवा तूफान से कमजोर होर्डिंग के गिरने का खतरा रहता है। बीते साल मुंबई में तूफान से होर्डिंग गिर गया था। हादसे में लगभग 18 लोगों की मौत हो चुकी थी। 2023 में बालोद में होर्डिंग इलेवन केवी तार पर गिर गया था, जिससे बिजली बाधित हो गया था।
शहर में होर्डिंग लगाने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। पालिका की बिना अनुमति होर्डिंग नहीं लगा सकते। लेकिन कुछ होर्डिंग बिना अनुमति के लगाए गए हैं। इस पर नगर पालिका को ध्यान देने की जरूरत है।
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जिला मुख्यालय में ही कई बार होर्डिंग फ्लेक्स फटकर विद्युत तार में भी फंस चुका है। मुंबई हादसे से सबक लेते हुए होर्डिंगों की मजबूती की जांच होना जरूरी है।
जिला मुख्यालय के गंजपारा से लेकर दल्ली मार्ग तक कई होर्डिंग हैं, जिसकी दोबारा जांच नहीं हुई है। यही हाल झलमला का भी है। नेशनल हाइवे होने से हजारों लोगों की आवाजाही रहती है। इस वजह से उनकी सुरक्षा जरूरी है।
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इधर विद्युत विभाग भी होर्डिंग से परेशान रहते हैं। तेज हवा तूफान से होर्डिंग की वजह से बिजली सप्लाई भी प्रभावित होती है। बिजली विभाग ने भी लोगों से अपील की है कि बिजली पोलों में होर्डिंग पोस्टर न लगाएं। शॉर्ट सर्किट का भी खतरा रहता है। फाल्ट ढूंढने में भी परेशानी होती है।
नगर पालिका के सीएमओ सौरभ शर्मा ने कहा कि शहर के होर्डिंग की स्थिति क्या है, इसकी जानकारी ली जाएगी। फिर कार्रवाई की जाएगी।