बैंगलोर

सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लग पाए एइडी

एइडी Automated External Defibrillator पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं, जो हृदय Heart संबंधी आपात स्थिति के दौरान जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल को बिजली का झटका देने की उनकी क्षमता अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) का अनुभव करने वाले किसी व्यक्ति के लिए जीवित रहने की संभावना को काफी बढ़ा सकती है।

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Dec 13, 2024

-दो निविदाओं के विफल होने के बाद अब तीसरी की तैयारी

बेंगलूरु.

घोषणा के एक वर्ष बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (एइडी) लगाने की योजना अमल में नहीं आ सकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार निविदा संबंधी समस्याओं के कारण देरी हुई है।विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जनवरी मेें निविदा आमंत्रित की गई थी। लेकिन, केवल एक योग्य बोलीदाता सामने आया। हालांकि, प्रारंभिक बोली बहुत ऊंची थी।

इसके कारण विभाग को निविदा फिर से जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा। वर्ष के मध्य में दूसरे प्रयास में सात बोलीदाता सामने आए, लेकिन फिर से केवल एक ही तकनीकी रूप से योग्य निकला। कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के उपनिदेशक डॉ. जी.ए. श्रीनिवास ने बताया कि विभाग इस सप्ताह तीसरी निविदा जारी करने की योजना बना रहा है।

निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद मजेस्टिक बस स्टेशन, के.एस.आर. रेलवे स्टेशन, विधान सौधा, विकास सौधा और 31 तालुक अस्पतालों जैसे स्थानों पर 37 एइडी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एइडी Automated External Defibrillator पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं, जो हृदय Heart संबंधी आपात स्थिति के दौरान जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल को बिजली का झटका देने की उनकी क्षमता अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) का अनुभव करने वाले किसी व्यक्ति के लिए जीवित रहने की संभावना को काफी बढ़ा सकती है।

एइडी AED के उपयोग को लेकर प्रशिक्षण की कमी सामने आई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। एइडी स्थापित होने के बाद प्रशिक्षण सत्रों की योजना बनाई गई है। वैसे एइडी को गैर-चिकित्सा पेशेवरों और आम जनता द्वारा उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है।

Published on:
13 Dec 2024 07:25 pm
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