बांसवाड़ा

Good News: राजस्थान में स्वदेशी तकनीक से बनेगा 2800 मेगावाट का परमाणु रिएक्टर, AERB ने दी मंजूरी

Mahi Power Project: माही पावर प्रोजेक्ट धरातल पर आकार लेने को तैयार है। परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एइआरबी) ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को मंजूरी दे दी है।

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माही पावर प्रोजेक्ट। फोटो: पत्रिका

अनुपम दीक्षित
बांसवाड़ा। माही पावर प्रोजेक्ट धरातल पर आकार लेने को तैयार है। परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एइआरबी) ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को मंजूरी दे दी है। एनपीसीआइएल (न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) द्वारा चार इकाइयों वाले 2800 मेगावाट के दाबित भारी पानी रिएक्टर (पीएचडब्लूआर ) प्रोजेक्ट के लिए 586 करोड़ रुपए की लागत से खुदाई का टेंडर जारी किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि सितंबर तक वर्कऑर्डर जारी होने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

परमाणु परियोजनाओं की निगरानी और स्वीकृति देने वाली संस्था एइआरबी ने यह अनुमति तय नियमों और शर्तों के अनुपालन के अधीन दी है। आदेश के अनुसार यह अनुमति 5 वर्षों तक मान्य रहेगी, जो 7 मई 2030 तक प्रभावी होगी। कोई भी तकनीकी या नियामकीय संशोधन फिर से समीक्षा के अधीन होगा।

देशभर में 10 इकाइयों की मंजूरी, बांसवाड़ा में सबसे बड़ा सेटअप

जून 2017 में केंद्र सरकार ने देश में 10 स्वदेशी रिएक्टरों की घोषणा की थी। इनमें से बांसवाड़ा में 4 इकाइयों के साथ सबसे बड़ा संयंत्र प्रस्तावित है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा (गोरखपुर) में दो-दो इकाइयों की स्थापना की जानी है। इस तरह कुल मिलाकर 7000 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता विकसित की जाएगी।

एनपीसीआइएल के वैज्ञानिकों के अनुसार यह संयंत्र पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित होगा। पहले रावतभाटा में कनाडा की तकनीक से रिएक्टर लगाए जा रहे थे, लेकिन परमाणु परीक्षण के बाद कनाडा ने सहयोग बंद कर दिया। इसके बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक को विकसित कर सफलतापूर्वक रिएक्टरों का निर्माण किया। इस तकनीक का बेहतर प्रदर्शन तारापुर और रावतभाटा में देखा गया, जिसके बाद अब 700 मेगावाट का डिज़ाइन भी सफल सिद्ध हुआ है।

मौके पर प्रारंभिक कार्य जारी

फिलहाल परियोजना स्थल पर चारदीवारी का निर्माण, अस्थायी कार्यालयों की स्थापना और गहराई तक मिट्टी की जांच के लिए पाइप ड्रिलिंग का कार्य चल रहा है। यह भूगर्भीय और संरचनात्मक जानकारियों के लिए आवश्यक है, ताकि निर्माण के दौरान तकनीकी समन्वय में कोई बाधा न आए।

चार इकाइयों में होगा 700-700 मेगावाट का उत्पादन

एनपीसीआइएल की ओर से माही बांसवाड़ा रिएक्टर प्रोजेक्ट (एमबीबारएपीपी ) के तहत 700 मेगावाट की चार इकाइयों की स्थापना की जा रही है। यह परियोजना पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसे एनपीसीआइएल व एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम ’अनुशक्ति विद्युत निगम’ द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।

एईआरबी से अनुमति मिलने के बाद खुदाई का टेंडर जारी कर दिया है। एक दो माह में खुदाई का काम चालू होगा। माही प्रोजेक्ट पूरी तरह देश में विकसित तकनीकी पर लगाया जाएगा।
-एसबी जोशी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, माही पावर प्रोजेक्ट, बांसवाड़ा


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