बरेली विकास प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजना रामायण वाटिका अब अपने भव्य रूप में सामने आ चुकी है। शहर में पहली बार किसी पार्क को रामायण-थीम पर विकसित करते हुए यहां 51 फीट ऊंची भगवान श्रीराम की विशाल प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इस प्रतिमा का निर्माण देश के प्रतिष्ठित मूर्तिकार राम सुतार ने किया है, जिनकी कृतियां विश्वभर में चर्चित हैं।
बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजना रामायण वाटिका अब अपने भव्य रूप में सामने आ चुकी है। शहर में पहली बार किसी पार्क को रामायण-थीम पर विकसित करते हुए यहां 51 फीट ऊंची भगवान श्रीराम की विशाल प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इस प्रतिमा का निर्माण देश के प्रतिष्ठित मूर्तिकार राम सुतार ने किया है, जिनकी कृतियां विश्वभर में चर्चित हैं।
रामायण वाटिका को शाम होते ही रंग-बिरंगी एलईडी रोशनी से जगमगाया जाएगा। पूरे परिसर में रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंगों को थीम बेस्ड लेआउट में सजाया गया है, ताकि आगंतुक कथा के भाव, वातावरण और अध्यात्म को निकट से महसूस कर सकें।
बीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. ए. मणिकंडन ने बताया कि यह वाटिका बरेली के सांस्कृतिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। रामायण वाटिका शहर के धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देगी। यहां का थीम-बेस्ड लेआउट, दृश्यावली और लाइटिंग आगंतुकों को अद्भुत अनुभव देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इसका लोकार्पण करने आ रहे हैं।
-भगवान राम का वनगमन
-भरत मिलाप
-राम–लक्ष्मण–सीता वनस्थली
-युद्धभूमि
-रामराज्य प्रवेश
इन सभी को फाइबर मूर्तियों, दृश्यावलियों और आकर्षक लाइट सेटअप के साथ तैयार किया गया है।
पूरी वाटिका बीडीए की मेगा प्लानिंग के तहत विकसित की गई है। यहां फाइबर आर्टवर्क, एलईडी थीम लाइटिंग, लैंडस्केप व्यू, रामायण कथा के दृश्य हेरिटेज वॉक ट्रैक जैसी सुविधाएं तैयार की गई हैं। वाटिका को जनसाधारण के लिए जल्द खोला जाएगा। उद्घाटन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
मुख्य द्वार से भीतर प्रवेश करते ही आगंतुकों का ध्यान सबसे पहले 51 फीट ऊंची भगवान श्रीराम की राजसी प्रतिमा पर जाता है। प्रतिमा के पीछे पर्वतीय दृश्यांकन, दोनों ओर पुष्प सज्जा और नीचे साफ-सुथरा प्लेटफॉर्म पूरी प्रतिमा को और भव्य बनाता है। शाम होते ही प्रतिमा पर विशेष रूप से डिजाइन की गई लाइटिंग स्थापना को दिव्य आभा प्रदान करती है। रामायण वाटिका शहर को सांस्कृतिक पहचान दिलाने वाला नया लैंडमार्क साबित होगी। यहां आने वाले लोग न केवल सैर का आनंद लेंगे बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू होंगे। बीडीए इसे बरेली के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी में है।