शेयर बाजार में मोटा मुनाफा दिलाने का लालच देकर साइबर ठगों ने एक डॉक्टर से 45 लाख 53 हजार रुपये हड़प लिए। ठगी का यह खेल दो महीने से ज्यादा समय तक चलता रहा, और जब डॉक्टर को सच्चाई का अहसास हुआ तो खाते खाली हो चुके थे। पीड़ित डॉक्टर ने अब साइबर क्राइम थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है।
बरेली। शेयर बाजार में मोटा मुनाफा दिलाने का लालच देकर साइबर ठगों ने एक डॉक्टर से 45 लाख 53 हजार रुपये हड़प लिए। ठगी का यह खेल दो महीने से ज्यादा समय तक चलता रहा, और जब डॉक्टर को सच्चाई का अहसास हुआ तो खाते खाली हो चुके थे। पीड़ित डॉक्टर ने अब साइबर क्राइम थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रेमनगर निवासी डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, 27 जून 2025 से 29 अगस्त 2025 के बीच उनके बैंक के खातों से अलग-अलग खातों में कुल 45,53,036 रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। यह रकम शेयर खरीद-फरोख्त और ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर फ्रॉड से निकाली गई। डॉक्टर का आरोप है कि निजी फाइनेंस प्लेटफॉर्म के नाम पर कॉल और मैसेज कर निवेश के लिए उकसाया गया। शुरुआत में फायदे का सपना दिखाया गया, स्क्रीन पर मुनाफा भी दिखाया गया, लेकिन जैसे ही रकम बढ़ी, पूरा सिस्टम ही गायब हो गया।
डॉ. अग्रवाल ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जब वहां से राहत नहीं मिली तो उन्होंने साइबर क्राइम थाने का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने साफ कहा है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की ठगी नहीं, बल्कि संगठित साइबर गिरोह का काम है, जिसने योजनाबद्ध तरीके से खातों से लाखों रुपये निकाल लिए।
शहर में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से साफ है कि साइबर ठग अब पढ़े-लिखे और जागरूक लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। पुलिस के सामने अब चुनौती है कि बैंक ट्रांजैक्शन, मोबाइल कॉल और डिजिटल सबूतों के जरिए इस बड़े साइबर फ्रॉड के तार कहां-कहां तक जुड़े हैं, इसका खुलासा किया जाए।