किसान बादाम सिंह, जिनके पास सिर्फ तीन बीघा जमीन है, कड़ी मेहनत के बावजूद दो वक्त की रोटी का बमुश्किल इंतजाम कर पाते हैं। बावजूद इसके, लेखपाल ललित मोहन ने उनकी वार्षिक आय 51,000 रुपये बताई, जिससे बादाम सिंह सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए।
पीलीभीत। किसान बादाम सिंह, जिनके पास सिर्फ तीन बीघा जमीन है, कड़ी मेहनत के बावजूद दो वक्त की रोटी का बमुश्किल इंतजाम कर पाते हैं। बावजूद इसके, लेखपाल ललित मोहन ने उनकी वार्षिक आय 51,000 रुपये बताई, जिससे बादाम सिंह सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए। सोमवार को, अपनी बेटी की शादी के लिए सरकारी मदद न मिल पाने पर, वह कटोरा लेकर न्याय की गुहार लगाने बीसलपुर के एसडीएम नागेंद्र पांडेय के पास पहुंचे। एसडीएम ने तुरंत प्रभाव से लेखपाल ललित मोहन को निलंबित कर दिया।
बेटी की शादी के लिए सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला
बादाम सिंह, जो नागीपुर अखोला गांव के निवासी हैं, ने बताया कि उनकी बेटी की शादी करनी है, लेकिन आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं होने और बचत न कर पाने की वजह से उन्होंने सरकारी विवाह योजना का सहारा लेने का सोचा था। योजना का लाभ लेने के लिए आय प्रमाणपत्र की जरूरत थी, जिसके लिए उन्होंने लेखपाल को आवेदन दिया था। लेकिन, लेखपाल ललित मोहन ने उनकी वास्तविक स्थिति के विपरीत, 51,000 रुपये वार्षिक आय का प्रमाणपत्र बना दिया। इससे उन्हें सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका।
अन्य किसानों से तुलना में आय प्रमाणपत्र पर भेदभाव
बादाम सिंह ने बताया कि उनके गांव के ही एक और व्यक्ति के पास तीन एकड़ जमीन है, और उनका आय प्रमाणपत्र 46,000 रुपये वार्षिक का बना है। यह स्थिति देखकर उन्हें लगा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। कई दिनों तक तहसील के अधिकारियों के चक्कर लगाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने एसडीएम के पास न्याय की गुहार लगाई, लेकिन एसडीएम ने जांच की बात कहकर उन्हें लौटा दिया।
लेखपाल पर रिश्वत का आरोप
बादाम सिंह ने आरोप लगाया कि रिश्वत न देने के कारण लेखपाल ने जानबूझकर उनकी वार्षिक आय अधिक दिखाई, ताकि उन्हें योजना का लाभ न मिल सके। एसडीएम नागेंद्र पांडेय ने किसान की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लेखपाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं और उसे निलंबित कर दिया है।