कुतुबखाना सब्जी मंडी में शुक्रवार देर रात नगर निगम की टीम अचानक बुलडोजर लेकर मंडी में पहुंच गई। बिना किसी पूर्व सूचना के शुरू हुई कार्रवाई से दुकानदारों में भगदड़ मच गई। हाथोंहाथ सामान समेटते व्यापारी इधर-उधर भागते नजर आए, लेकिन बुलडोजर के आगे कई दुकानों का बच पाना संभव नहीं हो सका।
बरेली। कुतुबखाना सब्जी मंडी में शुक्रवार देर रात नगर निगम की टीम अचानक बुलडोजर लेकर मंडी में पहुंच गई। बिना किसी पूर्व सूचना के शुरू हुई कार्रवाई से दुकानदारों में भगदड़ मच गई। हाथोंहाथ सामान समेटते व्यापारी इधर-उधर भागते नजर आए, लेकिन बुलडोजर के आगे कई दुकानों का बच पाना संभव नहीं हो सका। नगर निगम की इस देर रात की कार्रवाई से व्यापारी वर्ग में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
रात करीब साढ़े 10 बजे निगम की प्रवर्तन टीम पुलिस फोर्स के साथ कुतुबखाना मंडी में दाखिल हुई। इसके बाद मंडी के अंदर सड़क किनारे सजी दुकानों को अवैध बताते हुए ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया गया। कुछ ही मिनटों में कई दुकानों की टेबल, तिरपाल और ठेलों को बुलडोजर ने चकनाचूर कर दिया। देखते ही देखते पूरा इलाका शोर, चीख-पुकार और भगदड़ में बदल गया।
दुकानदारों ने आरोप लगाया कि वे रोजाना ठेकेदार को 60 रुपये किराया देते हैं, इसके बावजूद बिना किसी नोटिस के कार्रवाई कर उनकी रोजी-रोटी पर चोट की गई है। कई दुकानदारों का कहना है कि उनके स्टॉल पर रखा हजारों रुपये का सामान बर्बाद हो गया। यदि निगम कार्रवाई ही करना चाहता था तो पहले नोटिस देता, हम दुकानें खुद हटा लेते।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य का कहना है कि मंडी के अंदर लंबे समय से अवैध कब्जे और अतिक्रमण बढ़ते जा रहे थे, जिससे सड़क संकरी हो रही थी और ट्रैफिक बाधित होता था। इसी वजह से अभियान चलाया गया। रात होने के कारण कार्रवाई को रोक दिया गया है, अगले दिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, देर रात की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय व्यापारी और मंडी समिति के लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि दिन में या पूर्व सूचना देकर अभियान चलाया जाता तो नुकसान कम होता। फिलहाल व्यापारी मंडी समिति और प्रशासन के खिलाफ सामूहिक विरोध की तैयारी कर रहे हैं।