सहारनपुर के कुख्यात टपरी डिस्टलरी कांड में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई होते ही शराब माफिया में खलबली मच गई है। पुलिस और प्रशासन ने अब पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। माफियाओं की संपत्तियां चिन्हित की जा रही हैं और जल्द ही कुर्की व नीलामी की कार्रवाई शुरू होने के संकेत हैं।
बरेली। सहारनपुर के कुख्यात टपरी डिस्टलरी कांड में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई होते ही शराब माफिया में खलबली मच गई है। पुलिस और प्रशासन ने अब पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। माफियाओं की संपत्तियां चिन्हित की जा रही हैं और जल्द ही कुर्की व नीलामी की कार्रवाई शुरू होने के संकेत हैं। गैंगस्टर लगते ही बरेली के बड़े शराब कारोबारी मनोज जायसवाल, नीरज जायसवाल और बदायूं के पूर्व सपा विधायक दिवंगत जोगेंद्र सिंह अनेजा के पौत्र प्रणय अनेजा भूमिगत हो गए हैं। तीनों के घरों पर ताले लटक रहे हैं, मोबाइल फोन स्विच ऑफ हैं और लगातार ठिकाने बदले जाने की सूचनाएं मिल रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की की आशंका के चलते आरोपी अब हाईकोर्ट की शरण लेकर राहत पाने की जुगत में हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि इस बार कार्रवाई आधी-अधूरी नहीं होगी। माफिया नेटवर्क की हर प्रॉपर्टी को चिन्हित कर एक-एक कर जब्त किया जाएगा और कानून के तहत नीलामी की जाएगी। प्रशासनिक हलकों में इसे शराब माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी निर्णायक कार्रवाई माना जा रहा है।
शराब माफिया के खिलाफ पहला बड़ा शिकंजा वर्ष 2021 में कसा गया था, जब एसटीएफ ने सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी से फर्जी गेट पास और बिल्टी पर शराब से भरे दो ट्रक पकड़े थे। जांच में करोड़ों रुपये की एक्साइज ड्यूटी चोरी का खुलासा हुआ और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सूत्र बताते हैं कि बाद में इस पूरे मामले को करोड़ों के जुर्माने पर रफा-दफा कराने की कोशिश हुई। पहले 33 करोड़, फिर 15 करोड़ और अंततः 12 करोड़ रुपये जमा कराने का शपथपत्र तक तैयार हो गया, लेकिन सौदा फेल हो गया। अब उसी पुराने केस में सहारनपुर देहात कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट की नई एफआईआर दर्ज होते ही पूरा शराब नेटवर्क हिल गया है।
प्रणय अनेजा, जिनका संबंध सपा नेता के परिवार से बताया जाता है, का शराब कारोबार कई जिलों में फैला है। बदायूं मूल निवासी प्रणय का बरेली में एलए होटल है और चौकी चौराहे के पास एक नया मॉल उसकी कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है। वह दिवंगत शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की कंपनी के साथ भी साझेदारी में कारोबार कर चुका है। फिलहाल प्रणय दिल्ली में रह रहा है और बरेली-बदायूं में उसका आना-जाना अचानक बंद हो गया है, जिससे उसके फरार होने की पुष्टि पुलिस को मिली है।
मनोज जायसवाल को लेकर आरोप हैं कि उसका कारोबार सत्ता और अफसरशाही की छांव में फलता-फूलता रहा। सूत्रों के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी के साथ उसकी वर्षों पुरानी नजदीकी रही है। उसी अधिकारी के परिजनों के नाम पर शराब की कई दुकानें संचालित होने की चर्चाएं भी सामने आई हैं। स्टेडियम रोड स्थित डाउन टाउन बार जब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में गिराया गया, तब भी मनोज को कानूनी शिकंजे से बचा लिया गया। आज भी उसके डीडीपुरम में बार, रामगंगा विहार में करोड़ों की जमीन और बीसलपुर क्षेत्र में कई संपत्तियां होने की बात सामने आ रही है।
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों का कहना है कि शराब माफिया ने फर्जी मुखौटा कंपनियों, नौकरों और कथित किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीनें खरीदी हैं। रजिस्ट्री की जांच में जिन किसानों के नाम सामने आए, वे मौके पर मिल ही नहीं रहे। इसे लेकर आयकर विभाग ने भी जांच तेज कर दी है। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, शराब माफिया के काले साम्राज्य की परतें एक-एक कर खुलती जाएंगी।