अब तक शहरी इलाकों में मिलने वाली मैरिज हॉल जैसी सुविधाएं जल्द ही गांवों में भी दिखाई देंगी। ग्रामीणों को अब शादी-ब्याह या अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शहर का रुख नहीं करना पड़ेगा। जिला प्रशासन ने गांव-गांव में पंचायत उत्सव भवन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
बरेली। अब तक शहरी इलाकों में मिलने वाली मैरिज हॉल जैसी सुविधाएं जल्द ही गांवों में भी दिखाई देंगी। ग्रामीणों को अब शादी-ब्याह या अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शहर का रुख नहीं करना पड़ेगा। जिला प्रशासन ने गांव-गांव में पंचायत उत्सव भवन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में इस योजना की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि जिले के पांच ब्लॉकों में पहले चरण में पंचायत उत्सव भवन बनाए जाएंगे, जहां लोग विवाह, पूजा, मुंडन, तेरहवीं समेत अन्य सामाजिक आयोजनों को आसानी से कर सकेंगे।
पंचायत उत्सव भवन में 100 लोगों की क्षमता वाला हॉल, एक मंच, तीन कमरे (जिसमें एक दिव्यांगों के लिए होगा), महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, दिव्यांगजन शौचालय और एक रसोईघर बनाया जाएगा। यह भवन करीब 3 हजार वर्ग मीटर जमीन पर बनेगा और इसकी लागत करीब 1.41 करोड़ रुपये आएगी। पहले चरण में इन जगहों पर भवन बनेंगे, जिसमें मीरगंज तहसील: ग्राम बल्लियां, फरीदपुर तहसील: ग्राम रसूलपुर वाहनपुर, नवाबगंज तहसील: ग्राम कटैया बलदेव सिंह, आंवला तहसील: ग्राम कमठेना और सदर तहसील: एक स्थान प्रस्तावित है। पंचायत भवन की जगह चुनने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि ऐसी जगह चुनी जाए जहां पास में अन्नपूर्णा भवन हो, बिजली-पानी की सुविधा हो और रास्ता साफ-सुलभ हो। इसके लिए जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लेने को कहा गया है।
बैठक में डीएम ने खाद समितियों की जांच के आदेश दिए ताकि किसानों को खाद की किल्लत न हो। कांवड़ यात्रा को देखते हुए मार्गों की मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश भी दिए। इसके अलावा लोकार्पण और शिलान्यास के लिए तैयार भवनों और योजनाओं की सूची भी तैयार करने को कहा गया। गांव में अगर कोई शादी या कार्यक्रम होता है तो लोग अब पंडाल लगाने या स्कूलों में आयोजन करने की मजबूरी से बचेंगे। पंचायत उत्सव भवन उन्हें बेहतर सुविधा देगा, वो भी कम खर्च में। ग्रामीणों को उम्मीद है कि ये भवन गांव की सामाजिक तस्वीर को पूरी तरह बदल देंगे।