महंगी गाड़ियों और गर्लफ्रेंड के नाज-नखरे उठाने की चाह में राजस्थान का छठवीं पास युवक तस्कर बन गया। तस्करी से कमाई कर कई लग्जरी कारें खरीदी। 15 महीने जेल में रहने के बाद भी नहीं सुधरा।
जोधपुर/बाड़मेर: एएनटीएफ ने लूणी थाना अंतर्गत खाराबेरा भीमावतान के पास एसयूवी से 27 कट्टों में भरा 543 किलो डोडा पोस्त के साथ एक चालक को पकड़ा। साथी पिस्तौल और मोबाइल लेकर भाग गया। अलग-अलग छह जोड़ी नंबर प्लेटें भी मिली हैं, जिन्हें लूणी थाना पुलिस को सौंप दिए गए। जब्त मादक पदार्थ की कीमत 82 लाख रुपए आंकी गई है।
महानिरीक्षक (एटीएस) विकास कुमार ने बताया, एसयूवी में डोडा पोस्त जोधपुर लाया जा रहा था। जो खाराबेरा पुरोहितान गांव से होकर आ रहा था। एएनटीएफ जोधपुर शहर और ग्रामीण ने सोमवार देर रात खाराबेरा पुरोहितान से लालकी व खाराबेरा भीमावतान गांव के तिराहे पर नाकाबंदी की। वहां आई एसयूवी को रोकने का इशारा किया गया।
चालक एसयूवी को लालकी की तरफ झाड़ियों व कच्चे मार्ग से भगाने का प्रयास करने लगा। एसयूवी पोल से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। एसआई प्रमित चौहान के नेतृत्व में पुलिस ने पीछा कर एसयूवी की घेराबंदी की। भैरू ने पुलिस पर पिस्तौल तानी और फिर भाग गया।
पुलिस ने एसयूवी चालक गोकलाराम को पकड़ लिया। एसयूवी में 27 कट्टों में भरा 543.62 किलो डोडा पोस्त, मैग्जीन और 35 जिंदा कारतूस मिले। जिन्हें लूणी थाना पुलिस को सौंपे गए। एनडीपीएस एक्ट व ऑर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर बाड़मेर में सदर थाना अंतर्गत सरली गांव निवासी गोकलाराम (32) पुत्र मोटाराम जाट को गिरफ्तार किया। कार्रवाई में एसआई गोरधनराम, एएनटीएफ के कांस्टेबल रमेश, रामनिवास और लूणी थाने के कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, देवाराम, गणपतलाल और इमरान शामिल रहे।
गोकलाराम साल 2011 से 2015 तक हरियाणा से ट्रक में शराब भरकर गुजरात ले जाता था। जयपुर, चूरू और बालोतरा में वह पकड़ा भी गया था। साल 2016 से वह डोडा पोस्त तस्करी में लिप्त हुआ था। डोडा के साथ वह बाड़मेर के सदर थाने में पकड़ा गया था।
15 महीने जेल में रहने के बाद वह बाहर आया था। साल 2023 में निंबाहेड़ा में डोडा पोस्त पकड़ा गया था। वह फरार हो गया था। वह साल 2024 में गिरफ्तार किया जा सका था। गत 10 अक्टूबर को ही वह जमानत पर छूटा था और एक महीने बाद फिर गिरफ्तार हो गया।
गोकलाराम ने बताया, छठवीं कक्षा पास होने के बाद गांव में महंगी गाड़ियों में जाने का शौक लगा। कुछ साल बाद एक गर्लफ्रेंड भी बनी, जिसके खर्चे पूरे करने के लिए 2011 से 2015 तक शराब तस्करी की। इसके लिए हरियाणा से अवैध शराब की ट्रक भरकर गुजरात सप्लाई करता था।
इसके बाद शौक पूरे करने के कर्जा हो गया, जिसे उतारने के लिए 2016 में डोडा-पोस्त की सप्लाई शुरू की। दो साल बाद ही 2018 में बाड़मेर में भारी संख्या में अवैध डोडा-पोस्त के साथ सदर पुलिस के हाथों पकड़ा गया। 15 सालों से अवैध तस्करी के दौरान कई बार जेल भी गया।
डीसीपी (पश्चिम) विनीत कुमार बंसल ने बताया कि गोकलाराम से पूछताछ में कई खुलासे हुए। उसके साथ पाली जिले में जाडन टोल नाका के पास निवासी भैरू लोहार था। फींच गांव निवासी मनीष पंवार पुत्र हनुमानराम बिश्नोई ने एसयूवी में दोनों को डोडा लाने भेजा था। गोकलाराम और भैरू चित्तौड़गढ़ में कपासन से 27 कट्टों में 543 किलो डोडा लेकर आ रहे थे। मनीष ने उन्हें देचू में सप्लाई देने का बताया था।
एसीपी (बोरानाडा) आनंद सिंह राजपुरोहित ने बताया कि एसयूवी के इंजन व चेसिस नंबर घिसे हुए हैं। इससे गाड़ी के चोरी की होने का अंदेशा है। पीछे की सभी सीटें खोली हुई थी। कार में अलग-अलग छह जोड़ी नंबर प्लेटें मिलीं। जो हर 60 किमी पर बदल देते थे। मैग्जीन और 35 जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए। पिस्तौल और मोबाइल भैरू साथ लेकर भागा था।