It is a rare and migratory species of owl, usually found in cold areas.
बैतूल। ग्रीन सिटी क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने सोमवार दोपहर एक दुर्लभ प्रवासी प्रजाति के उल्लू को घायल अवस्था में रेस्क्यू कर उसकी जान बचाई। यह उल्लू ऑस्ट्रेलिया और न्यू गिनी में पाया जाने वाला सबसे छोटा और आम उल्लू माना जाता है, जिसे ब्राउन हॉक-आउल कहा जाता है।
वन रक्षक तरुण उबनारे ने बताया यह उल्लू ग्रीन सिटी क्षेत्र के एक गार्डन में घायल हालत में पड़ा मिला। एक स्थानीय रहवासी ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उल्लू उड़ते समय संतुलन बिगडऩे के कारण नीचे गिर गया था और पेड़ के नीचे बैठा मिला। स्थानीय लोगों ने मानवीय संवेदनशीलता दिखाते हुए उसे सुरक्षित रखा, जिसके बाद वन अमले ने उसे रेस्क्यू कर पशु चिकित्सक के पास पहुंचाया। उन्होंने बताया कि यह उल्लू ऑस्ट्रेलिया और न्यू गिनी में पाया जाने वाला सबसे छोटा और आम उल्लू माना जाता है, जिसे ब्राउन हॉक-आउल कहा जाता है। वन विभाग ने उल्लू को कालापाठा स्थित फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में निगरानी में रखा है, जहां अगले चार से पांच दिनों तक उसकी विशेष देखरेख की जाएगी। पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा। पशु चिकित्सक डॉ. मृदुला सिन्हा ने बताया कि उल्लू की आंख में हल्की चोट पाई गई है। यह लगभग 500 ग्राम वजन का कम उम्र का उल्लू है। संभवत: अत्यधिक ठंड के कारण इसमें कमजोरी आई और उड़ान के दौरान संतुलन बिगड़ होगा। फिलहाल चोट गंभीर नहीं है, दवाइयां दी गई हैं और कुछ दिनों में यह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा। प्राणी शास्त्र के रिटायर्ड प्रोफेसर प्रमोद मिश्रा ने बताया कि यह एक दुर्लभ और प्रवासी प्रजाति का उल्लू है, जो आमतौर पर ठंडे इलाकों में पाया जाता है।