चित्रकूट धाम में कवि सम्मेलन का आयोजन
Bhilwara news : भीलवाड़ा के चित्रकूट धाम में रविवार को कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता पाठ कर दाद बटोरी। कवि डॉ अंगद धारिया ने जब घर की कमियां छुपाती है बेटियां, हमको जीना सिखाती है बेटियां कविता सुनाई तो पंडाल तालियों से गूंज उठा। धारिया ने कोमल मन भावों से कोई, अब खिलवाड़ न होने दूंगा। छोटी-छोटी सी बातों को, तिल का ताड न होने दूंगा सुनाकर खूब तालियां लूटी। कवि कुलदीप प्रियदर्शी ने बाबर के टाबर उत्पात मचाने आए हैं, कार सेवक बजरंग से हर बार मुंह की खाए है पंक्तियां सुनाकर जोश भरा।
फिरोजाबाद के पूर्व सांसद व कवि प्रो.ओमपाल सिंह निडर ने जब उठो साथियों, निज धरम बिक न जाए, बंधुओं जगो, निज शरम बिक न जाए सुनाया तो पांडाल करतल ध्वनि से गूंज उठा। भीलवाड़ा के कवि बंशीलाल पारस ने वन्देमातरम का गान हर गली गांव में गाया जाएगा, वसुधैवकुटुंबकम् का भाव भू पर छा जाएगा जैसी पंक्तियों से अपनी भविष्यवाणी की।
कवि अजय शुक्ला अंजाम ने श्री राम दिखाई पड़ते थे वीरों के भुजदंडों में से माहौल को राममय किया। कवि दमदार बनारसी ने तिरंगा है चमकते हिंद की पहचान का परचम, हमें है जान से प्यारा हमारे देश का झंडा ने देशभक्ति की बयार ला दी। कवियत्री दीपशिखा रावल ने भरतखण्ड में धरती जो नित काम प्रभु का करती है, अवधपतिकरूणानिधान श्रीराम लला की धरती है...पंक्तियां सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। रेणु शर्मा श्रद्धा ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे, राम की महिमा मुख पर हमारे सुनाई। कवि रुद्र प्रताप बद्र, कवि श्रीकांत सरल ने कविता सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालन कवि अशोक भाटी ने किया। प्रारंभ में कविजनों का परिचय सूत्रधार कवि अतुल काष्ट अविरल मेवाड़ ने कराया। अपना संस्थान के प्रांत सचिव विनोद मेलाना, राधेश्याम सोमानी, हनुमान अग्रवाल, रजनीकांत आचार्य ने कवियों का स्वागत किया।