एक ही नंबर से चल रही थीं दो-दो बसें
प्रदेश में अवैध बस संचालन और संगठित टैक्स चोरी के बड़े मामले का बड़ा खुलासा होने के बाद परिवहन विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। 'राजस्थान पत्रिका' में प्रकाशित खबर के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए छह बसों को जब्त किया है। बस मालिक एक ही नंबर प्लेट का इस्तेमाल दो अलग-अलग बसों पर कर रहे थे और फर्जी दस्तावेजों के जरिए राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचा रहे थे।
ऐसे चल रहा था टैक्स चोरी का संगठित खेल
परिवहन विभाग की जांच में सामने आया कि बस मालिक सुनियोजित तरीके से नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। एक नंबर की बसों को दो राज्यों में चला रहे हैं। बस मालिक केवल एक बस का नियमानुसार टैक्स जमा करवाकर, उसकी नंबर प्लेट को निकालकर दूसरी बस पर लगा देते थे। इस हेराफेरी के चलते, एक ही समय में, एक ही नंबर प्लेट लगी बसें राज्य के भीतर और पड़ोसी राज्यों में चलाई जा रही थीं। यानी एक ही नंबर पर दो अलग-अलग बसें संचालित कर, वे दोहरा मुनाफा कमा रहे थे।
नंबर प्लेट फिक्स नहीं
सबसे बड़ी अनियमितता यह थी कि इन बसों पर नंबर प्लेट फिक्स नहीं होती है। मालिक जरूरत के हिसाब से प्लेट को खोलकर तुरंत दूसरी बस पर लगाकर उसे दूसरे राज्य में भेज देते थे। जांच के दौरान परिवहन अधिकारियों से बचने के लिए बस के दस्तावेज के नाम पर मालिक केवल अस्पष्ट फोटोकॉपी अपने पास रखते है। इन फोटो कॉपियों में दस्तावेज की जानकारी या नंबर साफ नजर नहीं आते हैं। इससे ऑन-द-स्पॉट जांच में देरी होती थी और मालिक बच निकलते थे।
पत्रिका की खबर पर त्वरित एक्शन
राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद परिवहन विभाग ने इस पूरे रैकेट पर लगाम लगाने के लिए त्वरित कार्रवाई की। विभाग ने न केवल पूर्व में उजागर हुई दो बसों को जब्त किया, बल्कि यातायात पुलिस चौकी के सामने खड़ी चार अन्य संदिग्ध बसों को भी कब्जे में लिया। इस कार्रवाई से अवैध बस संचालन और टैक्स चोरी करने वालों में खलबली मच गई है। विभाग अब इस पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचने और राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे फर्जीवाड़े की सघन जांच करने की तैयारी कर रहा है।