संस्कृत प्रतियोगिता में 2.40 लाख विद्यार्थियों की भागीदारी पर एशिया रेकॉर्ड
संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में भीलवाड़ा ने एक बार फिर अपनी विशिष्ट पहचान कायम की है। राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय हमीरगढ़ के प्रधानाचार्य तथा संस्कृत शिक्षा के जिला नोडल अधिकारी एवं शिक्षाविद् डॉ. कृष्णगोपाल जांगिड़ ने संस्कृत वाङ्मय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों की सर्वाधिक भागीदारी सुनिश्चित कर एशिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त किया है।
निम्बार्क वैदिक संस्कृत समिति के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुल 2 लाख 40 हजार 834 छात्र-छात्राओं को जोड़कर डॉ. जांगिड़ ने आईपीएनआर मानकों के तहत रिकॉर्ड दर्ज कराया। एबीआर की प्रतिनिधि रीना सिंह खरे के अनुसार यह उपलब्धि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने भीलवाड़ा का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।
इस उपलब्धि पर राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव वागड़े ने डॉ. जांगिड़ को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। राज्यपाल वागड़े ने संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं प्रसार के लिए डॉ. जांगिड़ के प्रयासों की सराहना की और उन्हें आगे भी इसी प्रकार नवीन पहल करने के लिए प्रेरित किया।
सम्मान समारोह में रामेश्वर प्रसाद शर्मा, निर्मल ग्रोवर, वसन्त कानूनगो, डॉ. रामप्रसाद जांगिड़, राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता उत्तम शर्मा, राधेश्याम मुण्डेल, शिवराज व्यास उपस्थित थे।