भीलवाड़ा में खनन क्षेत्रों का ड्रोन सर्वे, रिपोर्ट से खुलेगा अवैध खनन का सच
अवैध खनन पर अंकुश लगाने की दिशा में खनिज विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। भीलवाड़ा जिले के प्रमुख खनन क्षेत्रों में ड्रोन सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे की खबर लगते ही अवैध खनन में लिप्त खनन संचालकों में हड़कंप मच गया है। फिलहाल ड्रोन से जुटाए गए डाटा का तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है। रिपोर्ट तैयार होते ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि कहां, कितना और किस स्तर पर अवैध खनन किया गया है।
खनिज अभियंता महेश कुमार शर्मा ने बताया कि रायपुर, करेड़ा, समोड़ी, दरीबा सहित जिले के अन्य खनन क्षेत्रों में हाल ही में ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया गया है। यह कार्रवाई खान निदेशालय के निर्देश पर की जा रही है और चरणबद्ध तरीके से जिले के सभी खनन क्षेत्रों का ड्रोन सर्वे किया जाएगा।
शर्मा ने बताया कि प्रथम चरण में किए गए ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट सामने आने के बाद अवैध खनन में लिप्त खनन संचालकों को नोटिस जारी किए जाएंगे और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ड्रोन सर्वे के दौरान दरीबा और समोड़ी क्षेत्र में अवैध खनन के संकेत मिले हैं। हालांकि खनिज विभाग का कहना है कि यह क्षेत्र जिंदल के नाम पर आवंटित है और यहां पूर्व में एसटीपी भी जारी की जा चुकी है। ऐसे में सभी तथ्यों, सीमांकन और स्वीकृत खनन क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
खनिज विभाग का मानना है कि ड्रोन सर्वे से खनन क्षेत्र की वास्तविक स्थिति, खनन गहराई, सीमा उल्लंघन और अवैध विस्तार का सटीक आकलन संभव हो सकेगा। आने वाले समय में यह ड्रोन सर्वे प्रदेश के अन्य जिलों में किया जाएगा।