तंबाकू व पान मसाला पर 40 प्रतिशत जीएसटी के साथ अतिरिक्त शुल्क की तैयारी प्रतिदिन लाखों की कर चोरी, ट्रांसपोर्ट गोदाम बने गुप्त अड्डे
गुड्स एंड सर्विस टैक्स में बदलाव और तंबाकू व पान मसाला पर 40 प्रतिशत के नए स्लैब लागू होने के बाद भीलवाड़ा के बाजार से पान मसाला पूरी तरह गायब हो गया है। माना जा रहा है कि सरकार इस पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है। इस कारण से तंबाकू व पान मसाला उत्पादक और व्यापारी फिलहाल माल बाजार में नहीं उतार रहे हैं।
बिना बिल के आ रहा माल
कुछ व्यापारियों का कहना है कि शहर के ट्रांसपोर्ट मार्केट में रोजाना 5 से अधिक ट्रक, पान मसाला व तंबाकू लेकर पहुंचते हैं। यह सारा माल बिना बिल के आता है। स्थानीय अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है।
स्थानीय विभाग ने ठीकरा मुख्यालय पर फोड़ा
जीएसटी विभाग के डीसी हितेश त्रिवेदी का कहना है कि हमें कर चोरी की शिकायतें मिली हैं। इन्हें मुख्यालय भेज दिया है। कार्रवाई मुख्यालय स्तर से ही होगी।
गुप्त गोदामों से सप्लाई
एक अधिकारी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट व्यवसायी पान मसाला के ट्रकों को गुप्त गोदामों में उतरवाते हैं। वहां से माल सीधे व्यापारियों तक पहुंचाया जाता है। अनुमान है कि काफी मात्रा में पान मसाला व जर्दा का उत्पादन बिना बिल और ई-वे बिल के बेचा जा रहा है।
ग्राहकों को भी हो रही दिक्कत
पान मसाला और तंबाकू के अचानक बाजार से गायब होने से उपभोक्ता परेशान हैं। खुले बाजार में इसकी उपलब्धता लगभग शून्य है, जबकि गुप्त रूप से दोगुने दाम पर बिक्री की जा रही है। एक ट्रक पान मसाला का मूल्य करीब 50 से 60 लाख रुपए तक होता है। यदि रोजाना 5 ट्रक भी बिना बिल बिक रहे हैं तो जीएसटी चोरी का आंकड़ा 1 करोड़ से ज्यादा प्रतिदिन हो सकता है। सालाना स्तर पर यह चोरी 300 से 400 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। यह पैसा सरकारी खजाने में जाने के बजाय कालेधन के रूप में बाजार में घूम रहा है।