भीलवाड़ा में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का राज्य स्तरीय सेमिनार
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की भीलवाड़ा शाखा की ओर से रविवार को आईसीएआई भवन में “जीएसटीआर 9/9सी मास्टरक्लास में किए गए बदलाव एवं स्मार्ट जीएसटी कंप्लायंस के लिए एआई टूल्स” विषय पर राज्य स्तरीय सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एवं कर विशेषज्ञों ने जीएसटी के नवीनतम प्रावधानों, वार्षिक रिटर्न की जटिलताओं तथा एआई आधारित स्मार्ट टूल्स के उपयोग पर चर्चा की।
भीलवाड़ा शाखा के अध्यक्ष आलोक सोमानी ने कहा कि जीएसटीआर-9 एवं 9सी न केवल वार्षिक रिटर्न का आधार है, बल्कि संपूर्ण जीएसटी ऑडिट की रीढ़ भी हैं। इनमें की गई छोटी-सी त्रुटि भी भविष्य में बड़ी कानूनी जटिलताओं का कारण बन सकती है। उन्होंने तकनीकी विषयों पर नियमित ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
सीए अखिल काखानी ने “जीएसटीआर 9 एवं 9सी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभावी उपयोग” विषय पर बताया कि एआई आधारित टूल्स के माध्यम से डेटा रिकॉन्सिलिएशन, त्रुटि पहचान, ऑटो-मैचिंग तथा जोखिम विश्लेषण को काफी आसान बनाया जा सकता है। इनके उपयोग से मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होती है और रिटर्न की सटीकता बढ़ती है।
अजमेर से आए जीएसटी विशेषज्ञ अंकित सोमानी ने वार्षिक रिटर्न, रिकॉन्सिलिएशन स्टेटमेंट, लेट फीस, पेनल्टी, नोटिस प्रक्रिया और विभागीय जांच जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि करदाताओं एवं सलाहकारों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ताकि ऑडिट के दौरान किसी प्रकार की कानूनी जटिलता उत्पन्न न हो।
कार्यक्रम का संचालन शाखा सचिव अक्षय सोडानी ने किया। सेमिनार में कैलाशचंद्र बाहेती, नवीन वागरेचा, अतुल सोमानी, अमित सेठ, मधु मालानी, आयुषी चेचानी, पूर्णिमा बल्दवा, दिनेश जैन, महेश डाड, महावीर गांधी, मयंक मेहरा, सुरेश अग्रवाल, सतीश सोमानी सहित अनेक सीए एवं कर विशेषज्ञों ने भाग लेकर अपने प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया। सेमिनार को जीएसटी के नवीन मानकों एवं एआई आधारित कर प्रबंधन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया।