भूमि की गुणवत्ता जांचने के बाद भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत मिलेगी सुविधा 2645 टन जिप्सम का लक्ष्य, अब तक 120 टन कृषि विभाग को मिला
भीलवाड़ा जिले के किसानों के लिए अच्छी खबर है। भूमि की उर्वरकता और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अब जिले के किसानों को निशुल्क जिप्सम कृषि विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। यह निशुल्क जिप्सम भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत जिले के किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर दिया जाएगा। किसानों को अपनी भूमि के लिए निशुल्क जिप्सम लेने के लिए सबसे पहले भूमि की जांच करानी होगी। जांच में जिप्सम की कमी की पाए जाने के पर किसानों को यह लाभ मिल सकेगा।
जिले के किसानों को निशुल्क जिप्सम भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम के तहत जिले के किसानों को 2645 टन जिप्सम उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत अब तक विभाग को 120 टन जिप्सम भीलवाड़ा को मिल चुका है।
अभियान का लाभ लेने के लिए सबसे पहले किसान को अपने खेत में मिट्टी की जांच करानी होगी। जांच के बाद जिप्सम की रिपोर्ट के आधार पर जिले के किसानों को आधा हैक्टेयर जमीन के लिए निशुल्क जिप्सम विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
किसानों द्वारा मिट्टी की जांच के आधार पर रिपोर्ट कार्ड प्राप्त करना होगा। कार्ड के आधार पर किसान राज किसान साथी ऐप पर अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करते समय किसान को, जितनी जिप्सम की आवश्यकता मिट्टी की जांच रिपोर्ट में प्राप्त हुई है वहीं ऑनलाइन आवेदन में भी अंकित करनी है। भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत एक किसान को 0.5 हैक्टेयर जमीन के लिए आवश्यकता के अनुसार निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। वही केवल पोषक तत्व के लिए जिप्सम पर 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है।
संयुक्त निदेशक (कृषि) विनोदकुमार जैन ने बताया कि निशुल्क जिप्सम से किसानों को बहुत बड़ा लाभ होगा। जिन किसानों की क्षारीय मिट्टी है, ऐसी मिट्टी पर जिप्सम का उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता सुधरेगी और भूमि की उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होंगी। जिप्सम के उपयोग से सभी फसलों में उत्पादन अधिक होता है। जिप्सम के उपयोग से फसल के दानों में चमक अच्छी होती है। इससे बाजार में फसल के अच्छे दाम भी किसानों को मिलते है।