- 31 दिसंबर तक प्रमाण-पत्र अपलोड करने के निर्देश
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और सतत जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में ‘इको क्लब फॉर मिशन लाइफ’ के तहत इको क्लब का गठन अनिवार्य कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय सीताराम जाट की ओर से इस संबंध में सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों एवं स्कूल शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार जिन विद्यालयों में अब तक इको क्लब का गठन नहीं हुआ है, वहां तत्काल प्रभाव से क्लब का गठन कर उसकी प्रमाण-पत्र संबंधी जानकारी शत-प्रतिशत संबंधित वेबसाइट पर अपलोड कराना होगा। जाट ने कहा कि विद्यालयों को 31 दिसंबर तक इको क्लब का गठन कर उससे संबंधित प्रमाण-पत्र ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य होगा। इस कार्य की निगरानी संबंधित मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे, जो अपने क्षेत्राधिकार के सभी संस्था प्रधानों के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे।
जाट ने बताया कि इससे पूर्व भी 6 जुलाई और 25 जुलाई 2025 को इस विषय में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कई विद्यालयों में इको क्लब का गठन नहीं हो पाया है। इसी कारण अब दोबारा सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। क्लब के माध्यम से विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, ऊर्जा संरक्षण, जल बचत और हरित जीवनशैली के प्रति जागरूकता विकसित की जाएगी। ‘मिशन लाइफ’ के तहत यह पहल विद्यार्थियों को प्रकृति के अनुकूल जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगी।
जाट ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि तय समय सीमा में इको क्लब का गठन एवं प्रमाण-पत्र अपलोड नहीं करने वाले विद्यालयों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। उधर सुवाणा सीबीईओ रामेश्वर जीनगर का कहना है कि जिले की लगभग 600 से अधिक सीनियर सैकंडरी स्कूल में इको क्लब का गठन किया हुआ है। इस क्लब के संचालन पर राज्य सरकार की ओर से 5 हजार रुपए तक का बजट भी मिलता है। इसके माध्यम से पौधारोपण का आयोजन होता है।