पर्यावरण जागरुकता पर 18 को प्रभात फेरी, फोटो-वीडियो रिपोर्टिंग में उलझे शिक्षक
राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में 18 दिसंबर को प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में पर्यावरण जागरुकता को लेकर प्रभात फेरी आयोजित की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जिला कलक्टर कार्यालय से समन्वय कर कार्यक्रम की विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।आदेश के अनुसार प्रभात फेरी एवं अन्य आयोजनों की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजनी होगी। इसके साथ ही कार्यक्रम की प्रतिलिपि, पांच फोटो और एक वीडियो ई-मेल के माध्यम से प्रेषित करना अनिवार्य किया गया है। इससे पहले सोमवार को सरकार के दो साल पूरे होने पर जिले के सभी सरकारी स्कूलों में स्वच्छता अभियान चलाया गया। ग्राम पंचायत समितियों से बैनर मंगवाकर गांवों में स्वच्छता रैलियां निकाली गईं और विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं।
हालांकि इन आयोजनों को लेकर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि सरकार अपनी उपलब्धियों के प्रचार के लिए स्कूलों को मंच बना रही है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि लगातार कार्यक्रमों, फोटो खींचने और उन्हें निर्धारित पोर्टल पर अपलोड करने के दबाव में शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है। शिक्षक नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के बजाय सरकार प्रतीकात्मक आयोजनों में व्यस्त है। उनका तर्क है कि यदि सरकार वास्तव में शिक्षा और पर्यावरण को लेकर गंभीर है तो बुनियादी सुविधाओं, शिक्षकों की कमी और विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता पर ध्यान देना चाहिए।