- झालावाड़ हादसे के बाद भी नहीं सुधरे हालात - 521 जर्जर विद्यालयों की सूची जारी कर निदेशक ने मांगी त्वरित रिपोर्ट
झालावाड़ में सरकारी विद्यालय धराशायी होने और मासूम बच्चों की मौत के बाद भी प्रदेश में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर हालात चिंताजनक बने हुए हैं। कई जिलों में जर्जर भवनों में संचालित स्कूलों को अब तक सुरक्षित वैकल्पिक भवन नहीं मिल पाए हैं। नतीजतन, अनेक विद्यालयों में एक ही कक्षा-कक्ष में तीन से चार कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक साथ बैठाकर पढ़ाने की मजबूरी सामने आ रही है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से विस्तृत सूचना भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत एक सूची जारी कर संबंधित कॉलम भरते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। सूची में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जर्जर भवन वाले विद्यालयों को निकटतम विद्यालय में द्वितीय पारी में संचालित किए जाने की जानकारी अनिवार्य रूप से भरी जाए।
झालावाड़ हादसे के बाद सरकार ने भले ही सतर्कता दिखाई हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अब भी हजारों बच्चे असुरक्षित या अव्यवस्थित व्यवस्थाओं में पढ़ने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग की इस कवायद के बाद अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि रिपोर्ट के आधार पर सरकार कब तक ठोस और सुरक्षित समाधान लागू करती है।
जारी सूची में सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के सामने जर्जर स्कूलों के नाम और संबंधित विद्यालयों की एनआईसी आईडी दर्ज की है। अधिकारियों से जिन बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है, उनमें जर्जर भवन वाले विद्यालय का कुल नामांकन, शालादर्पण के अनुसार उसी ग्राम पंचायत में स्थित वह विद्यालय जहां द्वितीय पारी चलाई जानी है, उस विद्यालय की एनआईसी आईडी, दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी, कक्षों की कुल संख्या और कोई विशेष विवरण शामिल है।
भीलवाड़ा जिले से 16 स्कूल इस सूची में शामिल किए गए हैं। जबकि जर्जर स्कूलों की संख्या 130 से अधिक है। मांगी गई स्कूलों की सूची में पीपलूंद, फालसेड़, लेसवा, मंगरोप, बीगोद, बल्दरखा, झांथल, घरटा, खेडलिया, कुंडियाकलां, जनता कॉलोनी रायला, लसाडि़या, लुलास, फलामदा, गुलाबपुरा और इंटूदा के विद्यालय शामिल हैं।
प्रदेशभर में कुल 521 जर्जर विद्यालयों की सूची जारी की गई है। इनमें सीकर जिले के सर्वाधिक 42 विद्यालय, उदयपुर के 41 और प्रतापगढ़ के 36 विद्यालय शामिल हैं। जयपुर में 27, बीकानेर में 30, बाड़मेर में 31, अजमेर में 12, अलवर में 15, भीलवाड़ा में 16, चूरू में 16, दौसा में 21, डीडवाना-कुचामन में 17, झुंझुनू में 19, राजसमंद में 19, झालावाड़ में 20 सहित अन्य जिलों के स्कूल सूचीबद्ध किए गए हैं।