टेक्सटाइल उद्योग में पीटीए, पीओवाइ, एफडीवाई पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर पर पुनर्विचार के लिए प्रतिवेदन पेश किया
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय स्वास्थ्य, रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से टेक्सटाइल उद्योग से संबंधित विषयों पर चर्चा की। अखिल भारतीय वस्त्र विंग प्रमुख एवं चित्तौड़ प्रांत अध्यक्ष महेश हुरकट ने भीलवाड़ा समेत देश के टेक्सटाइल उद्योग में पीटीए, पीओवाइ, एफडीवाई पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर पर पुनर्विचार के लिए प्रतिवेदन पेश किया। हुरकट ने बताया कि धागे पर क्यूंसीओ को लागू होने के बाद देश में धागे का आयात कम हुआ, लेकिन कपड़े का आयात बढ़ा है। इससे देश के कपड़ा बनाने वाले मध्यम लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से 50 करोड़ से कम टर्नओवर वाली फार्मा इकाइयों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए संशोधित शेड्यूल-एम के कार्यान्वयन की समय सीमा को बढ़ाने की मांग की। इससे छोटी इकाइयों को जबरन बंद होने से बचाया जा सकेगा। मंत्री नड्डा ने इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, महासचिव ओमप्रकाश गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव नरेश पारीक, वस्त्र उद्योग के प्रमुख उत्पादक रवि पोद्दार, राजेश गुप्ता, रावलिन खुराना, अमित चावला शामिल थे।