भीलवाड़ा

विश्व आदिवासी दिवस पर गूंजा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

मां के नाम से एक पौधा लगाएं और उसे यौवन तक पहुंचाएं-अवस्थी

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Aug 10, 2025
Message of environmental protection echoed on World Tribal Day

भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी प्रांगण शनिवार को आदिवासी समाज के उल्लास, गीत और नारों से गूंज उठा। विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता और समाजजन इस मौके पर एकत्र हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी रहे, जिन्होंने आदिवासी समाज के योगदान, वन संरक्षण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश पर जोर दिया।

वन संरक्षण ही जीवन का आधार

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अवस्थी ने कहा कि जंगल सिर्फ पेड़ों का समूह नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। जिस तरह से आज वन भूमि का अंधाधुंध दोहन हो रहा है, उसके परिणामस्वरूप धरती पर प्रकृति का कहर देखने को मिल रहा है, कभी सूखा, कभी बाढ़, तो कभी भीषण गर्मी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ही एक ऐसा वर्ग है, जिसने पीढ़ियों से तन-मन झोंककर जंगलों की रक्षा की और वन्य जीवन को बचाने में अपनी संस्कृति और जीवन समर्पित कर दिया।

सांस्कृतिक धरोहर के साथ सामाजिक संदेश

कार्यक्रम में समाज के लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य और गीत प्रस्तुत हुए। बीच-बीच में पर्यावरण और पेड़ बचाने के नारे लगाए गए। इस दौरान सुनील दूर्वे, मनोज उईके, दुबेश ऊईके, गोपाल बैरवा, अजय प्रतिथि, रंगलाल उईके सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सामूहिक रूप से पौधरोपण का निर्णय किया गया।

आदिवासी समाज का पर्यावरणीय योगदान

  • - जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में अग्रणी
  • - औषधीय पौधों की पहचान और रक्षा
  • - पीढ़ियों से वन्य जीवों के संरक्षण में संलग्न
  • - पर्यावरण संतुलन की परंपरा को आगे बढ़ाना
Published on:
10 Aug 2025 09:41 am
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