पोषाहार के लिए बच्चों को जाना पड रहा आंगनबाड़ी केन्द्र आंगनबाड़ी केन्द का संचालन 8 से 12 बजे तक
प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में 17 मई से ग्रीष्मावकाश शुरू हो गए हैं। इन दिनों भीषण गर्मी में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक लू चल रही है। इस लू में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष एहतियात रखने के निर्देश है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र खुले होने से मासूमों को यहां केवल पोषाहार के लिए जाना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी में प्री प्राइमरी शिक्षा पढऩे वाले 6 साल तक के मासूम बुलाए जा रहे हैं। ऐसे में नौनिहाल कलक्टर अंकल से गुहार लगा रहे हैं कि हमारी भी छुट्टी करा दो।
कई केंद्र पर तो पंखे भी नहीं
कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर तो पंखे भी नहीं हैं। ये केंद्र 500 मीटर से एक किलोमीटर दूर हैं। मासूमों के लिए गर्मी में यहां आना-जाना भी भारी पड़ता है। ऐसे में अब ये केंद्र सूने ही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थिति के लिए इनको बुलाने का जोर लगाती हैं। पत्रिका की ओर से कई आंगनबाडी केंद्रों की पड़ताल में पाया कि अभिभावक बच्चों को केंद्र पर भेजने से गुरैज कर रहे हैं और जो भेज रहे हैं वह अभिभावक अपने बच्चों को 10 बजे ही लेने आ रहे हैं। इससे उन्हें लू के प्रकोप से बचाया जा सके। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी को देखते हुए आंगनबाडी केंद्रों के समय में जिला कलक्टर के अप्रूव्ल के बाद परिवर्तन किया गया है। केंद्रों पर बच्चों का समय सुबह 8 से 12 बजे तक रखा गया है।
पोषाहार के कारण छुट्टी का प्रावधान नहीं
विभाग के निर्देशों के अनुसार गर्मी को देखते हुए सुबह 8 से 12 का समय रखा गया है। वैसे पोषाहार के कारण छुट्टी का कोई प्रावधान नहीं है।
राजकुमारी खोरवाल, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग