- पन्नाधाय बाल गोपाल योजना - विसंगति या दुरुपयोग पर होगी सख्त कार्रवाई - विद्यालयों में नियमित जांच और सत्यापन अनिवार्य
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में संचालित पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत आगामी अवधि के लिए विद्यालयवार मिल्क पाउडर का आवंटन कर दिया गया है। यह आपूर्ति आरसीडीएफ (राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन) के परिवहनकर्ताओं के माध्यम से शीघ्र ही सभी जिलों के विद्यालयों में प्रारंभ की जाएगी। मिड-डे मील योजना आयुक्त विश्व मोहन शर्मा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वितरण, भंडारण और उपयोग से संबंधित नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए।
दूध प्राप्ति का मिलान अनिवार्य
आयुक्त शर्मा ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में संस्था प्रधान या मिड-डे मील प्रभारी, इनवॉइस के अनुसार पाउडर मिल्क की मात्रा, वजन, बैच नंबर और एक्सपायरी तिथि का मिलान करने के बाद ही आपूर्ति स्वीकार करें। किसी भी विसंगति की स्थिति में दूध की खेप स्वीकार न की जाए और तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाए।
दुरुपयोग पर सख्त निगरानी
शर्मा ने कहा कि किसी भी विद्यालय में आवश्यकता से अधिक दूध की आपूर्ति नहीं होनी चाहिए। इस पर प्रभावी निगरानी रखी जाए ताकि दुरुपयोग या अनियमितता की कोई संभावना न रहे। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों में नियमित भौतिक सत्यापन और स्टॉक जांच की जाए।
खाली पैकेट का निस्तारण और उपयोग
खाली बचे कार्टन व पैकेटों का निस्तारण विद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से अधिकतम दरों पर किया जाएगा। इससे प्राप्त राशि को योजना के उद्देश्य के अनुरूप ही उपयोग में लिया जाए। जिला स्तर पर इन सभी गतिविधियों की निरीक्षण रिपोर्ट समय-समय पर संकलित कर कार्यालय में संरक्षित की जाएगी।
समयबद्ध वितरण और रख-रखाव के निर्देश
विद्यालयों को अवधि-पार (एक्सपायरी के बाद) दूध वितरण नहीं करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। पाउडर मिल्क का रख-रखाव पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। किसी भी प्रकार की अनियमितता, लापरवाही या शिकायत मिलने पर तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जिला अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी
राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक एवं प्रारंभिक) को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन सभी दिशा-निर्देशों की पालना की नियमित निगरानी करें। किसी भी स्तर पर उदासीनता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
योजना: पन्नाधाय बाल गोपाल योजना