- राजसिम्स पोर्टल पर लापरवाही पड़ सकती है भारी - मिड डे मील उपभोग रिपोर्ट में खुलासा, कई स्कूलों ने अब तक नहीं भेजी रिपोर्ट - 1,21,335 बच्चों को भोजन, गेहूं की खपत 14,586 किलो
प्रधानमंत्री पोषण (मिड-डे मील) योजना के तहत राजसिम्स पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने में लापरवाही बरतने पर मिड डे मिल आयुक्त ने प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाई है। प्रदेश के 41 जिलों से ली गई रिपोर्ट के आधार 87.57 प्रतिशत स्टाफ, 66.94 प्रतिशत छात्र उपस्थित पाए गए हैं। जबकि मीड डे मिल के तहत 69.92 प्रतिशत की रिपोर्ट ही दर्ज हो सकी है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर लाल बाल्दी ने जिले के 13 ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है। रिपोर्ट के अनुसार जिले के 2718 विद्यालयों में से 1951विद्यालयों ने ही रिपोर्टिंग की है, जबकि 767 से अधिक स्कूलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी।
इन 13 ब्लॉकों पर हुई कार्रवाई
जिन ब्लॉकों के अधिकारियों को नोटिस जारी किए उनमें आसीन्द, बनेड़ा, बिजौलियां, हुरड़ा, करेड़ा, कोटड़ी, जहाजपुर, मांडल, माडलगढ़, रायपुर, सहाड़ा, शाहपुरा एवं सुवाणा शामिल हैं। इन ब्लॉकों में अक्टूबर माह तक राजसिम्स पोर्टल पर लाभार्थियों की दैनिक प्रविष्टि 90 प्रतिशत से भी कम पाई गई है। इसके तहत विद्यालयों को प्रत्येक दिन विद्यार्थियों को भोजन वितरण की जानकारी राजसिम्स पोर्टल पर दर्ज करनी होती है। इससे योजना की वास्तविक प्रगति का आकलन किया जाता है।
यह रही रिपोर्टिंग
सबसे अधिक विद्यालय जहाजपुर ब्लॉक में 296 में से 212 स्कूल ने रिपोर्ट दी है, जहां 13,458 लाभार्थियों को भोजन मिला। वहीं आसींद ब्लॉक में 11,472 बच्चों को भोजन कराया गया और गेहूं की खपत 1367.15 किलो रही। सबसे कम रिपोर्टिंग बदनोर ब्लॉक की रही, जहां 18 में से सिर्फ 17 विद्यालयों ने रिपोर्ट दी और 959 बच्चों को भोजन मिला।
गेहूं और चावल की खपत
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक गेहूं खपत जहाजपुर ब्लॉक में 1573.95 किलो रही, जबकि चावल की अधिकतम खपत 57.05 किलो रही। इसके अलावा माण्डलगढ़ ब्लॉक में 17.75 किलो और बिजौलिया ब्लॉक में 15.1 किलो चावल उपयोग हुआ।
इनकी रही बेहतर रिपोर्टिंग
जहाजपुर, आसींद, मांडलगढ़ और शाहपुरा ब्लॉकों ने रिपोर्टिंग और भोजन वितरण दोनों में बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं बनेड़ा, करेड़ा और सुवाणा ब्लॉकों में अभी भी रिपोर्टिंग प्रतिशत कम है। प्रदेश में राजसमंद व सीकर में सबसे अच्छा तथा धोलपुर व जैसलमैर में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। वही प्रदेश में भीलवाड़ा 32 वें स्थान पर रहा है।
सभी से मांगा गया जवाब
जिला शिक्षा अधिकारी व नोडल अधिकारी रामेश्वर लाल बाल्दी ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में मास्टर ट्रेनर नियुक्त हैं, जिन्हें समय पर प्रविष्टि सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। फिर भी नियमित रिपोर्टिंग नहीं करना उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना के समान है। जिले के 13 ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को अपना स्पष्टीकरण मय साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।