भोपाल

एमपी में फिर मिला काले सोने का भंडार, 22 लाख टन कोयले से मालामाल होंगे लोग

Coal mines लाखों टन कोयला निकलने के बाद यहां की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो जाएगी।

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Mar 07, 2025
Coal mines

Coal mines एमपी में कोयले का भंडार है। प्रदेश के छिंदवाडा में काले सोने की कई नई खदानें मिलीं हैं। अच्छी बात यह है कि इन खदानों में खनन जल्द शुरु होगा। इसके लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है। लाखों टन कोयला निकलने के बाद यहां की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार कोयलांचल की नई खदानें मोहन कॉलरी, मोआरी खदान और भारत ओपन कास्ट जल्द शुरू होंगी। मोआरी कोयला खदान का चालू करने के लिए लंबे समय से संघर्ष चल रहा था जिसके बाद आखिरकार सफलता मिल गई है। भारत ओपन कास्ट भी जल्द शुरू होगी। इस निर्णय से खदान क्षेत्र में कार्यरत सैकड़ों मजदूरों को राहत मिली वहीं खनन शुरु होने से कई अन्य लोगों को भी रोजगार मिलेगा।

परासिया में कोयले की नई खदानें मोहन कॉलरी, मोआरी खदान और भारत ओपन कास्ट जल्द शुरू होंगी। इसके लिए वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। कोयला श्रमिकों और संगठनों के लंबे संघर्ष के बाद सफलता मिली है।

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22 लाख टन कोयले का भंडार
भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं सुरक्षा मंडल सदस्य नारायण राव सराठकर ने बताया कि इन खदानों में 22 लाख टन से ज्यादा कोयले का भंडार है। मुआरी खदान में 17 लाख टन और भारत ओपन खदान में 5 लाख टन कोयला उपलब्ध है।

आर्थिक और औद्योगिक प्रभाव
खदानों के पुन: संचालन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, वहीं कोयला उत्पादन बढ़ने से ऊर्जा संकट कम करने में मदद मिलेगी। मजदूर संगठनों का कहना है कि यह फैसला सैकड़ों श्रमिकों के भविष्य को सुरक्षित करेगा और क्षेत्रीय औद्योगिक गतिविधियों को गति देगा।

पिछले दिनों सांसद बंटी विवेक साहू ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी एवं केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर नई खदानों को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया था। 7 सितंबर 2023 से मुआरी खदान में उत्पादन पूरी तरह से बंद था, जिससे वहां कार्यरत 146 कर्मचारी प्रभावित थे।

कोयला श्रमिकों में खुशी की लहर

भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के महामंत्री तेज प्रताप शाही ने बताया कि फरवरी में नागपुर में आयोजित अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के अधिवेशन में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था। संगठन ने कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी से इस संबंध में विशेष चर्चा की थी। इसके बाद, श्रमिक संगठनों ने आंदोलन चलाया और मंत्रियों, कोयला सचिव और सांसदों से लगातार खदान शुरू करने की मांग की। खदानों को चालू करने के फैसले से क्षेत्र के कोयला श्रमिकों और उनके परिवारों में उत्साह देखा जा रहा है।

Updated on:
31 Oct 2025 03:32 pm
Published on:
07 Mar 2025 02:47 pm
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