Artificial Intelligence: एआइ को लेकर तकनीकी कॉलेजों की रिसर्च भी बुलाई गई। लैंड रिकार्ड में डिजिटल मैपिंग सिस्टम अपडेट किए जाएंगे।
Artificial Intelligence: नए साल से सरकारी विभागों में 100% ई-ऑफिस लागू करने के फैसले के बाद अब सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआइ) पर और काम करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। एआइ वर्किंग में सरकार प्रोफेशनल्स की मदद लेगी। उनके जरिए तय किया जाएगा कि विभागों में किन-किन सेक्टर में किन सर्विस को एआइ पर शिफ्ट कर गुड गवर्नेंस को बढ़ाया जाए। इसमें सरकारी कर्मचारियों को भी एआइ वर्किंग को लेकर ट्रेंड किया जाएगा।
सरकार गुड और ई-गवर्नेंस पर काम कर रही है। हर स्तर पर एडवांस तकनीक अपनाई जा रही है। आम लोगों को आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। - जगदीश देवड़ा, डिप्टी सीएम व वित्त मंत्री
-2000 से ज्यादा आइटी कंपनियां व इकाइयां प्रदेश में, 650 आइटी इकाइयां एमएसएमई में रजिस्टर्ड
-10 हजार करोड़ से ज्यादा सालाना टर्नओवर आइटी का
-13 से ज्यादा स्कीम चैटबोर्ड अभी सरकार में संचालित
ट्रेनिंग मॉड्यूल: क्रिस्प व इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम तकनीकी अपडेट कर रहा है। क्रिस्प एक साल का डिप्लोमा कराएगा। कर्मियों को ट्रेनिंग देगा। मोबाइल सॉफ्टवेयर व सायबर सिक्योरिटी पर काम होगा।
चैटबॉट: विभागों में चैटबॉट सुविधा कम है। यह सभी विभागों में होगा। विभागों में हेल्पलाइन सेक्टर भी एडवांस टेक्नोलॉजी पर शिफ्ट होगा। राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम इस पर काम करेगा।
एआइ फीचर्स से जुड़े अपडेशन जनहित से जुड़ी योजनाओं पर फोकस रहेंगे। इसमें ई-वर्किंग सर्विस डिलीवरी सिस्टम में प्राथमिकता से अपडेट होगी। यानी, किसानों को खरीदी का जो एसएमएस जाता है, वह रियल टाइम अपडेट होगा। जिन जनहितैषी योजनाओं में एआइ फीचर्स व ई-वर्किंग नहीं है उनमें इसे लाया जाएगा।