भोपाल

नहीं मिल रहा 600 करोड़ का हिसाब, अब कौन देगा जवाब?

MP News : वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नगर निगम का नया बजट पेश हो चुका है, लेकिन नगर निगम की तिजोरी 20 दिन बाद भी बंद है। भाजपा और कांग्रेस पार्षद रिवाइस बजट खर्च करने के नाम पर 600 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं जिस पर एमआइसी के द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया है।

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Apr 21, 2025
Bhopal Municipal council Corruption

MP News : वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नगर निगम का नया बजट पेश हो चुका है, लेकिन नगर निगम की तिजोरी 20 दिन बाद भी बंद है। 20 दिन से नगर निगम का सेफ बंद होने की वजह से विकास कार्य और अन्य खर्च के लिए अधिकारी एक पैसा नहीं निकाल सके हैं। बजट पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। नगर परिषद की बैठक में महापौर परिषद द्वारा खर्च का हिसाब-किताब नहीं देने के मुद्दे पर पूरी नगर परिषद अलग-अलग गुटों में बंट गई है। भाजपा और कांग्रेस पार्षद रिवाइस बजट खर्च करने के नाम पर 600 करोड़ के भ्रष्टाचार(Bhopal Municipal Council Corruption) का आरोप लगा रहे हैं जिस पर एमआइसी के द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया है।

भाजपा-कांग्रेस पार्षद लगा रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

भाजपा पार्षद शैलेष साहू और कांग्रेस पार्षद रेहाना सुल्तान ने भ्रष्टाचार(Bhopal Municipal Council Corruption) के गंभीर आरोप लगाए हैं। इधर, नगर निगम की तिजोरी बंद होने से अप्रैल महीने का वेतन वितरण कर पाना भी मुश्किल हो रहा है। इधर डेवलपमेंट वर्क से जुड़े भुगतान नहीं होने के चलते ठेकेदारों ने एक-एक करके काम बंद कर दिए हैं।

मिल रही शिकायतें

इस मामले में प्रश्न पूछने वाले पार्षद से लिखित शिकायत प्राप्त हुई है। एमआईसी की ओर से जवाब लिया जाएगा। बजट की औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं- किशन सूर्यवंशी, अध्यक्ष, नगर निगम

फंड की कमी के चलते ये काम बंद

  • पैसे की कमी के चलते शहर में प्रमुख जल स्रोत से संपवेल एवं नगर निगम की टंकियां तक नेटवर्क तैयार करने वाले ठेकेदार तापी इंटरप्राइजेज के 3 करोड़ 72 लख रुपए लंबित चल रहे हैं। काम बंद करने के कारण नगर निगम ने कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
  • शहर के अंदरुनी इलाकों में पाइपलाइन नेटवर्क तैयार करने वाली सुराणा कंपनी का 1 करोड़ 60 लाख बकाया है। कंपनी को टुकड़े-टुकड़े में भुगतान किया जा रहा है। गर्मी में पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं।
  • शहर की स्ट्रीट लाइट, वार्ड की अंदरूनी लाइटिंग, सार्वजनिक स्थल और सरकारी कार्यालय को रोशन करने की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है। काम करने वाले ठेकेदार के चार करोड रुपए नगर निगम के ऊपर बकाया है।
  • हाउसिंग फॉर ऑल के प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए नगर निगम को 100 करोड़ रुपए की तत्काल आवश्यकता है। काम करने वाले ठेकेदारों का 50 करोड रुपए से ज्यादा बकाया चल रहा है। किस्तों में पैसा मिलने से काम में लगातार देरी हो रही है।
  • निगम मुख्यालय की ग्रीन बिल्डिंग बनाने का काम लगातार देरी से चल रहा है। 22 करोड़ से शुरू हुई लागत अब 39 करोड़ तक पहुंच रही है। भुगतान नहीं होने से प्रोजेक्ट महंगा हो रहा है।
Published on:
21 Apr 2025 08:47 am
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