किन्नर अखाड़े में विवाद पहले अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को पदवी देने पर संस्थापक की कार्रवाई के बाद, महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारा.ण त्रिपाठी बोले- कार्रवाई अनुचित, ममता 23 साल से सनातन में हैं और साधना कर रही हैं, ममता से शास्त्रार्थ कर लें...
किन्नर अखाड़ा में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने का विवाद अब और बढ़ा गया है। अखाड़ा संस्थापक उज्जैन के ऋषि अजय दास ने ममता से महामंडलेश्वर का पद छीन लिया। उन्हें महामंडलेश्वर बनाने वाले आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से निकाल दिया गया। ममता को पद देने के बाद अखाड़े में घमासान मचा था। संतों ने आपत्ति ली थी। अजय दास ने पत्र भी जारी किया है। महामंडलेश्वर त्रिपाठी ने कार्रवाई को अनुचित बताया है।
वित्तीय अनियमितता में अजय दास को सिंहस्थ के बाद 2016 में अखाड़े से निकाला गया, वे कैसे कार्रवाई कर सकते हैं। वे ममता से शास्त्रार्थ कर सकते हैं। ममता 23 वर्ष से सनातन में हैं, साधना कर रही थीं। ममता इस्लाम में चली जातीं तो ये क्या बोलते। मैं 10 करोड़ के मानहानि का नोटिस दूंगा। अखाड़ा के संस्थापक महंत दुर्गा दास हैं, वे ही कार्य संभालते हैं।
ऋषि अजय दास ने पत्र में कहा, 2016 में सिंहस्थ में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर नियुक्त किया। वे उद्देश्य से भटक गए। इसलिए पदमुक्त किया। बिना मेरी सहमति 2019 में उन्होंने अनुबंध जूना अखाड़े से किया। यह अनैतिक है। ममता को महामंडलेश्वर बनाया। इससे धर्म की छवि धूमिल हुई है।
अखाड़ा परिषद ने कहा-अजय का नाम भी नहीं सुना अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी ने कहा, वे किन्नर अखाड़ा के साथ थे, हैं, रहेंगे। वे बोले-मैंने ऋषि अजय दास का नाम नहीं सुना था। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करूंगा।