भोपाल

मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार, विपक्ष ने किया वॉक आउट

MP Assembly Monsoon Session 2025: विधान सभा का मानसून सत्र (MP Assembly Monsoon Session)को शुरू हुए दो दिन हो गए, दो दिन हंगामे के नाम रहे। सियासी घमासान से तो यही लगता है कि विपक्ष सदन में पूरी रणनीति तैयार कर पहुंचा है और हर मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। वहीं सत्ता पक्ष-विपक्ष को साधने का प्रयास करते हुए विधान सभा मानसून सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने का प्रयास करता नजर आ रहा है।

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Jul 29, 2025
MP assembly monsoon Session 2025: विधान सभा का मानसून सत्र का दूसरा दिन, कांग्रेस ने जमकर किया हंगामा, सदन से वॉक आउट. (फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP Assembly Monsoon Session: मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र का लगातार दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस, आरोप-प्रत्यारोप और बहिर्गमन का दौर चला। इससे सदन की कार्यवाही (proceedings of assembly) बार-बार बाधित होती रही। मंगलवार की दोपहर 1.30 बजे शुरू हुई सदन की कार्यवाही में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन उनके जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन से वॉक-आउट कर दिया (MP Congress Walk Out)।

कांग्रेस विधायकों ने उठाया पुलिसिया ज्यादती का मुद्दा


दिन की शुरुआत कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के सवाल से हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज किया गया है। इसी के साथ कांग्रेस विधायक महेश सी. पटेल ने सदन में कहा कि उनके बेटे पर पुलिस ने जबरन आईपीसी की धारा 307(हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इन दोनों मामलों पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हस्तक्षेप करते हुए विधान सभा अध्यक्ष से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन मांगा। जब उन्हें इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसंदी के पास पहुंच गए और बाद में कार्यवाही से बहिष्कार कर सदन से बाहर चले गए।

विपक्ष ने इस मुद्दे पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने की मांग की और कहा कि शिक्षा को व्यापार बनाने वाले पर सख्त कदम उठाया जाना जरूरी है। सत्ता पक्ष की ओर से जवाब दिया गया कि संबंधित विभाग इस दिशा में नीति बना रहा है।

मंत्री विजय शाह की गैरमैजूदगी पर उठाया सवाल

सदन में उस समय स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई, जब वन मंत्री विजय शाह की गैरमौजूदगी में उनकी ओर से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने वक्तव्य दिया। इस पर विपक्ष ने तीखी आपत्ति जताई और कहा कि सेवा के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले मंत्री सदन से गायब हैं, उनकी जगह दूसरा मंत्री बयान दे रहा है, यह संसदीय परंपराओं के खिलाफ है। विपक्ष ने विजय शाह को सदन में बुलाने और उन्हें पद से बर्खास्त करने के साथ ही शाह पर कार्रवाई करने की मांग की।

इस मांग पर सत्ता पक्ष के सदस्य खड़े हो गए और उन्होंने विपक्ष पर तंज किया कि, 100-100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। जिससे सदन में एक बार फिर हंगामे की स्थिति बनी। दोनों और से सदस्यों ने आसंदी के पास आकर बोलना शुरू कर दिया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप कर मामला शांत करवाना पड़ा।

खनिज और रेत माफिया पर गरमाई राजनीति


भिड जिले में खनिज माफिया, रेत तस्करी और पुलिस की मिलीभगत से जुड़े एक सवाल पर विपक्ष का गुस्सा फूट पड़ा। प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को उस वक्त चुप होना पड़ा जब उनके जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और विपक्ष ने इसे असंतोषजनक जवाब करार देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है और सरकार आंखें मूंदे बैठी है।

विपक्ष ने जोर देते हुए कहा कि अवैध रेत कारोबार पर लगाम कसने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लंबे समय तक चली बहस के दौरान सत्ता पक्ष ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए सरकारी प्रयासों की जानकारी दी। लेकिन मामला तब भी शांत नहीं हुआ।

निजी स्कूलों की फीस वसूली भी बनी बहस का मुद्दा


ध्यानाकर्षण के दौरान निजी स्कूलों में अत्यधिक फीस वसूली का मुद्दा भी पक्ष-विपक्ष की बहस का विषय बन गया। फीस वसूली पर कार्रवाई को लेकर विपक्षी विधायकों ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश के लाखों अभिभावक फीस के बोझ तले दबे हैं और सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

15 साल से फरार आरोपियों पर भी उठे सवाल

विपक्ष ने एक अन्य मुद्दे पर भी सरकार से सवाल पूछे, उन्होंने सवाल किया कि आरोपी पिछले 15 साल से फरार है… इस सवाल के जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र पटेल ने जवाब दिया कि इन मामलों में इनामी राशि बढ़ाई जाए, ताकि इनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके। विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब 15 साल में आरोपियों की धर-पकड़ नहीं कर पाई, तो इनाम बढ़ाने से भी क्या होगा?

यही नहीं इस मामले को लेकर विपक्ष ने राज्य में कानून व्यवस्था की विफलता का उदाहरण भी दिया। ऐसे मामलों में सख्त जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

अनुपूरक बजट किया पेश

सदन में मंगलवार को वित्त मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 2356 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। उन्होंने कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि यह बजट राज्य की प्राथमिकता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लाया गया है। इस पर बुधवार को विस मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विस्तार से चर्चा प्रस्तावित है।

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Updated on:
29 Jul 2025 04:13 pm
Published on:
29 Jul 2025 04:12 pm
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