MP News: मध्यप्रदेश में एक और आईएएस अफसर के बयान से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार बयान महिला आईएएस मीनाक्षी सिंह ने दिया है। उन्होंने कहा कि जाति की पहचान जरूरी है।
MP News: मध्यप्रदेश के आईएएस अफसरों का इन दिनों विवादों से नाता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। पहले आईएएस संतोष वर्मा के द्वारा ब्राह्मण बेटियों पर विवादित टिप्पणी की गई थी। इसके बाद आईएएस मीनाक्षी सिंह का एक विवादित बयान सामने आया है। जिसमें वह कहती नजर आ रही हैं कि जाति की पहचान जरूरी है।
IAS मीनाक्षी सिंह ने अजाक्स के सम्मेलन में कहा कि अजाक्स को केवल हमारे संगठन तक नहीं बल्कि समाज तक जाना होगा। एक वीडियो वायरल में वह कह रही हैं कि समाज को जोड़ने के लिए सबसे पहली धुरी हमारा परिवार है। हमारे बच्चों को बताना पड़ेगा कि हम आदिवासी हैं। हमारी जाति क्या है? जातिगत पहचान और जातिवादी होना, आज के समय की सबसे बड़ी मांग है।
उन्होंने आगे कहा कि सवर्ण समाज के लोग पक्षपात करते हैं। यह जातिवादी मानसिकता हमारे लिए जरूरी है। हम अपने लोगों को ढूंढें और उनकी मदद करें। मेरे आदिवासी भाई बंधु संकोच करते हैं कि कैसे जाएं, यह बड़े पद पर हैं। ऐसा मत सोचिए, जब भी भोपाल आएं तो हमसे मिलने जरूर आएं। अपने दिल की बात रखें और समस्या बताएं, मिलेंगे- बैठेंगे, बात करेंगे तभी हम समाज के लिए कुछ कर पाएंगे। हमारा सरकारी सिस्टम कितना कॉम्प्लिकेटेड है यह भी हम देख रहे हैं।
भोपाल में अजाक्स प्रांतीय अधिवेशन में वरिष्ठ IAS अधिकारी और नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा ने ब्राह्मण बेटियों पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। इस बयान के बाद ब्राह्मण समाज ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और आईएएस को बर्खास्त करने की मांग की थी।
बीते दिनों, आईएएस संतोष कुमार वर्मा की बर्खास्तगी का प्रस्ताव राज्य सरकार के द्वारा केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।