MP News: मध्य प्रदेश में मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश की मोहन सरकार ने मेट्रो ट्रेन के साथ ही साल के अंत तक प्रदेशवासियों को दो और सौगात देने की तैयारी कर ली है। पढ़ें पूरी खबर...
MP News: राजधानी भोपाल (Bhopal) और इंदौर (Indore) में मेट्रो का सफर इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। पहले चरण में भोपाल में सुभाष नगर से रानी कमलापति तक 3.5 किमी और इंदौर में गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर-3 तक 6 किमी लंबे ट्रैक पर मेट्रो दौड़ेगी। हालांकि दोनों शहरों में पूरा काम 2027 तक पूरा होगा।
सीएम हाउस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की समीक्षा बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) पर ये बातें साफ होने के साथ ही सरकार ने शनिवार 22 जून को दो बड़े फैसले भी किए।
इंदौर से उज्जैन के बीच अब मेट्रो से भी तेज रफ्तार वाली वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी। सिंहस्थ को देखते हुए 2028 से पहले शुरुआत की जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मौखिक सहमति दी है। सरकार ने फिजिबिलिटी सर्वे करा लिया है। रिपोर्ट भी आ चुकी है।
बड़े शहर भोपाल-इंदौर, ग्वालियर-जबलपुर और उज्जैन के लिए नए ट्रैफिक प्लान को लेकर लिया गया है।
इसके तहत सभी शहरों में वंदे भारत ट्रेन के अलावा रोप-वे, इलेक्ट्रिक-बस और केबल-कार जैसे सार्वजनिक साधनों का उपयोग होगा। मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav ने मुख्य सचिव वीरा राणा और अन्य अफसरों को इसी के अनुसार काम करने के निर्देश भी दिए।
भोपाल-इंदौर में पहले और दूसरे फेज का काम चल रहा है। अफसरों ने सीएम को भरोसा दिलाया कि पहले चरण के चिह्नित व प्रॉयरिटी कॉरिडोर पर इसी साल मेट्रो का कर्मशियल रन शुरू होगा। भोपाल में मेट्रो पर अब तक 2000 और इंदौर में करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
मेट्रो रेल कारपोरेशन के एमडी सीबी चक्रवर्ती ने सीएम के सामने भोपाल मेट्रो के काम की प्रगति को लेकर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि एम्स से करोंद तक 14 किमी लंबी लाइन का काम 2027 तक पूरा होगा। सुभाष ब्रिज से एम्स तक प्रायोरिटी कॉरिडोर का 90% काम हो चुका है।
दूसरे चरण में जिंसी से करोंद के बीच काम शुरू हो चुका है। 2025 की शुरुआत में प्रायोरिटी कॉरिडोर में कमर्शियल रन शुरू होगा। 2027 में भोपाल में 14 किमी लंबी मेट्रो लाइन होगी। इसमें रोज यात्रा करने वालों की संख्या डेढ़ लाख होगी। 2031 तक मेट्रो की दो लाइनें पूरी हो जाएंगी। इसमें रोजाना 4.50 लाख लोग सफर करेंगे। अभी 6.22 किमी का हिस्सा लगभग तैयार है।
पहले चरण में इंदौर के गांधी नगर डिपो से रेडिसन तक 17.5 किमी में 17 स्टेशन बनेंगे। सितंबर 2023 में गांधीनगर से 5.8 किमी के हिस्से में पांच स्टेशनों का काम बाकी है। चंद्रगुप्त चौराहे से रेडिसन तक 366 पेड़ शिफ्ट होने हैं।
दूसरे चरण में 5.5 किमी रूट का काम शुरू हो गया। यहां पांच स्टेशन तीन साल में पूरे होंगे। बंगाली चौराहे से पलासिया तक कई निर्माण तोडऩे हैं। सबसे ज्यादा इसी रूट पर 900 पेड़ भी शिफ्ट होने हैं।
टीआइ मॉल से एयरपोर्ट तक अंडर ग्राउंड निर्माण तीसरे चरण में होना है। 8 किमी लंबे रूट पर 8 अंडरग्राउंड स्टेशन बनने हैं। इसका टेंडर अभी नहीं हुआ है।
सीएम Mohan Yadav ने बताया कि रेल मंत्री से हाल ही में चर्चा हुई है। उन्होंने प्रदेश में वंदे मेट्रोल के संचालन के साथ मॉडर्न तकनीक के प्रयोग और पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को लाभान्वित करने के लिए भी सुझाव दिए। सीएम ने प्रदेश में उपलब्ध नैरो गेज और अन्य रेल लाइन के उपयोग की सुझाव दी।
मेट्रो का सिविल वर्क तेजी से चल रहा है। रेवेन्यू के लिए भी लैंड डेवलपिंग की प्लानिंग है। जिंसी से आगे करोंद लाइन के लिए जमीनी काम शुरू किया जा रहा है। एक साथ काम कर समय सीमा के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
-सीबी चक्रवर्ती, एमडी मध्यक्षेत्र