New rules implemented to end the hassles in registration in MP रजिस्ट्री कराने में सबसे ज्यादा दिक्कतें आती हैं।
जमीन या मकान-दुकान की खरीद फरोख्त में रजिस्ट्री कराने में सबसे ज्यादा दिक्कतें आती हैं। गवाह लाने से लेकर उप पंजीयक कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। एमपी में रजिस्ट्री की इन झंझटों को अब खत्म कर दिया गया है। प्रदेश में रजिस्ट्री के नए नियम लागू किए गए हैं जिनमें गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई। उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की जरूरत भी अब नहीं रहेगी। प्रदेश में रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जा रहा है। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सम्पदा 2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया जा रहा है।
प्रदेश के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि प्रदेश में रजिस्ट्री के नए नियम लागू करने के साथ ही रजिस्ट्री प्रक्रिया बेहद आसान बना दी गई। प्रदेश में अब आधार और पेन नंबर से क्रेता और विक्रेता की पहचान होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 अक्टूबर को सम्पदा 2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ करेंगे।
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट का गुना, हरदा, डिण्डौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया। गुरूवार को इसे प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किया जाएगा। इससे पहले सम्पदा 2.0 स्पेशल मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है।
सम्पदा 2.0 के माध्यम से रजिस्ट्री कराने में आनेवाली झंझटों को खत्म कर दिया गया है। इस सॉफ्टवेयर में ई-केवाइसी से पहचान होगी। क्रेता विक्रेता की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी है। संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण होगा।
सॉफ्टवेयर में ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। गवाह लाने की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी। दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की जरूरत भी नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी बात की जा सकेगी। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, ई-मेल के पर भी उपलब्ध होगी।