Rain Water Harvesting System: अफ्रीकी देश तंजानिया की तर्ज पर जल संरक्षण के लिए कदम बढ़ाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य, एमपी के वलका पंचायत में भू-जलस्तर बढ़ाने के प्रयास की शुरुआत, आप भी जाने आखिर क्या है तंजानिया का Rain Water Harvesting System मॉडल
Rain Water Harvesting System: अफ्रीकी देश तंजानिया () की तर्ज पर प्रदेश की वलका पंचायत में भू-जलस्तर बढ़ेगा। खरगोन जिले की इस पंचायत में ढाई हेक्टेयर बंजर पहाड़ी पर एक फीट गहरे और पांच फीट चौड़े 150 अर्ध चंद्राकार गड्ढे तैयार किए गए हैं। इसमें घास के बीज डाले जाएंगे। बारिश में घास तैयार होगी और पानी रोकेगी। प्रदेश में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल-संरक्षण के लिए प्रशासन ने यह तरीका अपनाया है।
वीडियो से मिला आइडिया नीदरलैंड की 40 हजार वर्ग किमी जमीन पर फिर से हरियाली बिखेरने के साथ जस्ट डिग ईट फाउंडेशन तंजानिया में भी काम कर रहा है। यहां हरियाली बिखेरने के लिए जल-संवर्धन के लिए अर्धचंद्राकार गड्ढे बना रहा है। इससे घास लगाकर बारिश के पानी से भू-जलस्तर बढ़ाने की कवायद है। इसमें सफलता मिल रही है।
मध्य प्रदेश के भीकनगांव जनपद सीईओ पूजा मालाकार सैनी ने बताया जिला पंचायत सीईओ आकाश सिंह ने जस्टडिग इट फाउंडेशन के वीडियो देखे। इसे शेयर किया। इसके बाद वलका पंचायत की बंजर पहाड़ी पर अर्धचंद्राकार गड्ढे तैयार कराए गए। इनमें घास के बीज डालेंगे। बारिश में घास उग आएगी और यह पानी को बेकार बहने से रोकेगी।
2018 में जस्ट डिग इट और लीड फाउंडेशन ने तंजानिया के गांव में 50 एकड़ क्षेत्र में ऐसे गड्ढे किए। दो साल तक इस क्षेत्र को मानवीय हस्तक्षेप से दूर रखा। पांच मीटर बाय दो मीटर आकार के होते हैं गड्ढे। 15 लाख अर्ध-चंद्राकार गड्ढे अब तक खोदे उत्तरी आयरलैंड में छोटे-छोटे आयताकार गड्ढे खोदे जाते हैं, ताकि वर्षा जल का संरक्षण हो सके।